नई दिल्ली| एक बड़े अफसर की काली करतूत ने दिल्ली को शर्मसार कर दिया है। दिल्ली सरकार में डिप्टी डायरेक्टर कद के एक अफसर ने मदद के बहाने 16 साल की एक बच्ची को महीनों तक अपनी हवस का शिकार बनाया। आरोपी अफसर प्रेमोदय खाखा महिला एवं बाल विकास विभाग में तैनात है, जिस पर महिलाओं और बच्चों के हितों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने का जिम्मा है। अफसर की घिनौनी करतूत में उसकी पत्नी ने भी साथ दिया। यौन शोषण का शिकार बच्ची के प्रेग्नेंट होने पर अफसर की पत्नी ने उसे दवा देकर गर्भपात कराया और अपना मुंह बंद रखने को कहा। मामला उजागर होने के बाद अब दिल्ली सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है।
डीसीपी नॉर्थ सागर सिंह कालसी ने कहा कि दुष्कर्म, छेड़छाड़, आपराधिक साजिश, नुकसान पहुंचाने, बिना सहमति के गर्भपात और पॉक्सो ऐक्ट की संबंधित धाराओं में बुरारी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामले की जांच जारी है। पुलिस ने बताया कि बच्ची अपने माता-पिता के साथ अफसर के पड़ोस में उत्तरी दिल्ली में रहती थी। बच्ची के पिता दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारी थे और 2020 में उनकी मौत हो गई। लड़की की मां भी दिल्ली सरकार में अधिकारी हैं। बच्ची और आरोपी की मुलाकात बुरारी में एक धार्मिक स्थल पर हुई थी। इसके बाद दोनों परिवारों में दोस्ती हो गई। समय के साथ वे बेहद करीब आ गए।
2020 में पिता की मौत के बाद बच्ची काफी परेशान रहने लगी। आरोपी अधिकारी प्रेमोदय खाखा ने उसे गम से उबरने के लिए मदद की पेशकश की और अपने घर ले गया। अगले 5 महीने तक बच्ची आरोपी के घर पर रही। एक अधिकारी ने कहा, ‘अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच कथित तौर पर अधिकारी ने बच्ची के साथ अपने घर पर कई बार रेप किया।’ 2021 में लड़की को पता चला कि वह गर्भवती हो चुकी है। उसने अफसर की पत्नी को इसके बारे में बताया। उसने पीड़िता को मुंह बंद रखने को कहा। इसके बाद अपने किसी रिश्तेदार से गर्भपात वाली दवाएं मंगवाईं और लड़की को खाने के लिए दिया।
कुछ समय बाद लड़की की मां आरोपी के घर गई तो लड़की ने कहा कि उसे तबीयत ठीक नहीं लग रही है और वह घर जाना चाहती है। इसके वह मां के साथ घर चली गई। आरोपी इसके बाद भी बाज नहीं आया। लड़की जब उस धार्मिक स्थल पर गई तो आरोपी ने फिर उसके साथ छेड़छाड़ की। वह अक्सर उसके साथ छेड़छाड़ करता रहा। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की बेहद कम बोलती है और उसने अपनी आपबीती किसी को नहीं बताई।
इस महीने पीड़िता को एंग्जाइटी अटैक आया जिसके बाद उसे उत्तरी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीसीपी कालसी ने कहा, ‘यहां काफी काउंसलिंग के बाद पीड़िता ने डॉक्टरों, काउंसलर्स और पुलिस को पूरी घटना बताई।’ अस्पताल प्रशासन की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई तो घटना प्रकाश में आई। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। कालसी ने कहा कि पीड़िता अब भी अस्पताल में है। उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया है। जल्द ही मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया जाएगा। आरोपी ने फोन कॉल और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया है। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ‘वह (आरोपी) डब्लूसीटी डिपार्टमेंट में डिप्टी डायरेक्टर है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कानून अपना काम करेगा। दिल्ली सरकार महिला और बच्चों के मामलों को लेकर बहुत संवेदनशील है। यदि उन्होंने इस तरह की हरकत की है तो बहुत कठोर ऐक्शन लिया जाएगा।’