देहरादून. सावन महीने की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड में कांवड़ मेले का आगाज़ हुआ, तो पहले दिन यानी गुरुवार को 2 लाख से ज़्यादा कांवड़िए प्रदेश भर में पहुंचे. हालांकि अभी संख्या तेज़ी से बढ़ने के अनुमान हैं और इस साल करीब दो हफ्ते के भीतर राज्य में 4 करोड़ से ज़्यादा कांवड़ियों के आने की बात कही जा रही है. इधर, कांवड़ यात्रा के दौरान आने वाले शिवभक्तों की मसूरी में एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है. मसूरी डायवर्जन और कुठाल गेट पर पुलिस फ़ोर्स भी तैनात की गई है.

दरअसल, मसूरी में पिछले कुछ सालों में शिवभक्तों और स्थानीय लोगों के बीच लड़ाई झगड़े की घटनाओं से सबक लेते हुए यहां कांवड़ियों को एंट्री न देने का फैसला किया गया है. कोई भी शिवभक्त मसूरी जाने की कोशिश करेगा तो उसे बैरंग लौटाया जाएगा. पुलिस का कहना है कि सामान्य पर्यटक के रूप में लोग जा सकेंगे लेकिन कांवड़ियों के रूप में मसूरी जाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. गढ़वाल के डीआईजी केएस नगन्याल ने कहा कि भोले के भक्तों को मसूरी के बॉर्डर पर ही रोक दिया जाएगा.

उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के पहले दिन 14 जुलाई को हरिद्वार में करीब 2 लाख कांवड़िए पहुंच चुके थे. नगन्याल ने इस बार 4 करोड़ से ज़्यादा कांवड़ियों के आने के आसार बताते हुए कहा कि पुलिस सतर्क है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार भी. उन्होंने अतिरिक्त बल की तैनाती भी कांवड़ क्षेत्र में करने की बात कही. एक नज़र में पुलिस के इंतज़ाम देखिए.

कांवड़ यात्रा में ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव के दर्शन का भी खासा महत्व है. भोले के भक्तों की भीड़ यहां बढ़ने के अनुमान के साथ ही आज 15 जुलाई की सुबह तक 70 हजार से ज्यादा शिवभक्त जलाभिषेक कर चुके हैं. कांवड़िए गंगा में स्नान के बाद नीलकंठ महादेव मंदिर पहुंचते हैं और जलाभिषेक के बाद हरिद्वार से जल उठाकर अपने क्षेत्रों में लौट जाते हैं. सावन के सोमवार के दिन श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंचेगी और 3 ज़िलों की पुलिस बंदोबस्त में रहेगी.