गाज़ियाबाद। दिल्ली एनसीआर में जिला गाजियाबाद की पहचान अब अलग रूप में दिखाई देगी। क्योंकि यहां एनसीआर का पहला रोपवे बनने जा रहा है। इस मामले में जीडीए की मेरठ में हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और 2024 तक रोपवे शुरू कर दिया जाएगा।
बड़ी बात यह है कि इस रोपवे के बनने के बाद दिल्ली और गाजियाबाद आने जाने वाले लोगों को जाम के झाम से मुक्ति मिल जाएगी। यह रोपवे मोहन नगर से वैशाली मेट्रो स्टेशन के लिए बनाया जाएगा। इसके अलावा गाजियाबाद में तीन अन्य रूटों पर भी रोपवे तैयार किए जाने की योजना पर कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके प्रस्ताव पर भी बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल चुकी है।
बोर्ड बैठक में मोहन नगर से वैशाली चलाये जाने वाले रोपवे के लिए जल्द से जल्द कार्य शुरू किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में तीन रूट पर अभी रोपवे की योजना तैयार की जा रही है। इनमें से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से नया बस अड्डा, वैशाली मेट्रो स्टेशन से सेक्टर 62 मेट्रो स्टेशन नोएडा और हिंडन रिवर स्टेशन से राज नगर एक्सटेंशन शामिल हैं। जीडीए के अधिकारियों का मानना है कि यदि मोहन नगर से वैशाली तक चलने वाला रोपवे सफल होता दिखाई दिया तो आने वाले समय में इन तीन अन्य रूट पर भी रोपवे चलाए जाएंगे।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी कृष्ण करुणेश ने बताया कि मोहन नगर से वैशाली मेट्रो स्टेशन रूट पर कुल 4 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। जिनमें मोहन नगर, साहिबाबाद, वसुंधरा और वैशाली शामिल है। मोहन नगर से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक का यह सफर मात्र 15 मिनट का सफर होगा और रोपवे की ट्रॉली में एक साथ 10 लोगों के बैठे जाने की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत होने के बाद लोगों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी और उनके समय की भी बचत होगी।
वीसी ने बताया कि इस रोपवे प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर पूरा करने की योजना तैयार की गई है। जिसमें 60 प्रतिशत खर्च निर्माण करने वाली कंपनी करेगी और 20 प्रतिशत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और 20 फीसदी खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि मोहन नगर से वैशाली मेट्रो स्टेशन तक कुल 5 पॉइंट होंगे। 2 किलोमीटर लंबी दूरी तय करने वाले रोपवे में इस्तेमाल होने वाले पिलर के लिए भी जमीन चिन्हित कर ली गई है और कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि 2024 तक इस रोपवे की शुरुआत कर दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इस रोपवे की अनुमानित लागत करीब 450 करोड़ रुपए तय की गई है।