बिजनौर। गांव कुतुबपुर गांवड़ी निवासी मदनपाल सिंह ने बेटे को बैंक में नौकरी दिलाने के लिए 85 लाख रुपये गंवा दिए। दो दुकान और एक प्लाट बेच दिया। करीब 12 लाख रुपये का कर्ज भी ले लिया, लेकिन नौकरी नहीं मिली। चांदपुर के एक व्यक्ति पर ठगी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

मदनपाल सिंह ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत में बताया कि चांदपुर के मोहल्ला सरायरफी निवासी शमशाद अहमद से उसकी जान पहचान थी। उसके पुत्र ने वर्ष 2017 में इंटरमीडिएट पास किया था। उसी समय आरोपी ने उसके पुत्र को एक बैंक में नौकरी लगवाने की बात करते हुए तीन लाख रुपये का खर्च बताया। उसने तीन लाख रुपये का इंतजाम कर आरोपी को दे दिए।

आरोपी ने अपने फोन पर बैंक के एचआर विभाग के मेल दिखाए, जिसमें लिखा हुआ था कि नौकरी लगना प्रक्रिया में है। धीरे-धीरे करके वर्ष 2022 तक आरोपी ने उससे 85,00,000 रुपये ले लिए। इसके लिए उसे अपनी दो दुकानें, एक प्लाट बेचना पड़ा। करीब 12 लाख रुपये का कर्जा करना पड़ा। आरोपी से बात करने पर वह टालता रहा। अब वह फोन पर भी बात करने को तैयार नहीं है।इस ठगी से उसका अच्छा कारोबार भी समाप्त हो गया है। परिवार एक दयनीय स्थिति में रह रहा है। सीओ चांदपुर भरत कुमार ने बताया कि पुलिस ने आरोपी शमशाद के खिलाफ धोखाधड़ी में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

मदनपाल सिंह का आरोप है कि शमशाद उसे विश्वास दिलाने के लिए बैंक के आप्रेशन विभाग के ई-मेल दिखाता रहा। हर बार उससे ड्राफ्ट बनवाने के नाम पर कभी 50 हजार, कभी 75 हजार रुपये लेता रहा। कहता था कि जो रुपया दे रहे हो, नौकरी लगने पर 90 प्रतिशत आपको वापस हो जाएगा। इसके बाद हेड आफिस मुम्बई और आरबीआई के ई-मेल दिखाए। बाद में ज्वाइनिंग विभाग के ई-मेल भी दिखाए। मगर, नौकरी नहीं मिली। जब वह ई-मेल के प्रिंट मांगता तो वह अपने ही फोन पर दिखाकर प्रिंट देने को मना कर देता था।