मुजफ्फरनगर। रिश्वत लेते पकड़े गए वरिष्ठ बाट माप तौल अधिकारी हरीश प्रजापति और उनके निजी सहायक को मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

मेरठ की एंटी क्रप्शन टीम ने मंगलावार को वरिष्ठ बाट माप तौल अधिकारी हरीश प्रजापति और उनके निजी सहायक खतौली निवासी सोनू को 25 हजार रुपये की नगदी के साथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि हरीश प्रजापति ने भोपा रोड निवासी मखियाली स्थित बालाजी फ्यूल पेट्रोल पंप के मालिक आधार राजवंशी से मशीनों का प्रमाण पत्र देने के नाम पर 50 हजार मांगे थे और अपने सहायक सोनू के माध्यम से 25 हजार वसूले थे। इसके बाद दोनों को पकड़ा गया था। एंटी क्रप्शन टीम के निरीक्षक बीआर जैदी ने बताया कि नई मंडी कोतवाली में दोनों आरोपियों के खिलाफ निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद दोनों को मेरठ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

बाट माप विज्ञान विभाग के दफ्तर पर छाया सन्नाटा
वरिष्ठ माप-तौल निरीक्षक हरीश प्रजापति और उनके सहयोगी सोनू की गिरफ्तारी के बाद विभाग के कार्यालय पर सन्नाटा छाया रहा। बाट माप तौल विज्ञान विभाग का कार्यालय एटूजेड रोड पर है। विभागीय कार्यालय पर पांच लोगों का स्टाफ बताया गया। कार्यालय पर केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही मौजूद मिला। उन्होंने बताया कि एक कर्मचारी ऑफिस आया हुआ है, लेकिन वह किसी काम से गया है। प्रकरण से सभी कर्मचारी और विभाग के उच्चाधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं।

दफ्तरों में प्राइवेट लोग कर रहे वसूली
विभिन्न संगठन सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं। उगाही के लिए कई कार्यालयों में अफसरों ने प्राइवेट लोगों को रखा हुआ है। हरीश प्रजापति के साथ भी एक प्राइवेट व्यक्ति पकड़ा गया। इससे पहले डीएसओ बीके शुक्ला के साथ भी विभाग का सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीराम जेल गया था। कई सरकारी विभागों में प्राइवेट लोगों के हाथ में फाइलें थमा दी जाती है। परिवहन कार्यालय को लेकर आरोप उछालते रहे हैं।