बोगोटा. पश्चिमी कोलंबिया में शुक्रवार को विस्फोटक से हुए एक हमले में आठ पुलिस अधिकारी मारे गए. देश में लगभग 60 साल से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने का वादा करने वाले नए राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो के पद संभालने के बाद से सुरक्षा बलों पर हुआ ये सबसे घातक हमला है. जबकि एम-19 गुरिल्ला के एक पूर्व सदस्य नए प्रेसीडेंट पेट्रो ने वामपंथी ईएलएन विद्रोहियों के साथ बातचीत को फिर से शुरू करके ‘पूर्ण शांति’ बहाल करने का वादा किया है.

न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक एफएआरसी गुरिल्ला के साथ सरकार का 2016 में एक शांति समझौता हुआ है. जिसे अब गुरिल्ला संगठन नकारता है. सरकार अब भी उस शांति समझौते को लागू करने और सजा कम करने के वादों के साथ गुरिल्लाओं और ड्रग्स से जुड़े अपराधों में लगे गिरोहों से आत्मसमर्पण करने के लिए बातचीत कर रही है. प्रेसीडेंट पेट्रो ने ट्विटर पर कहा कि ‘मैं सैन लुइस, हुइला में विस्फोटकों से हमले की कठोर आलोचना करता हूं, जहां आठ पुलिस वाले मारे गए. उनके परिवारों के साथ एकजुटता है. पूर्ण शांति के प्रयासों को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई ये एक बिल्कुल साफ कोशिश है. मैंने अधिकारियों से जांच करने के लिए इलाके में जाने के लिए कहा है.’

बताया जा रहा है कि पुलिसवाले जिस गाड़ी में यात्रा कर रहे थे, उसके विस्फोटकों की चपेट में आने से 8 पुलिस अधिकारी मारे गए. राष्ट्रपति पेट्रो ने हमले के लिए जिम्मेदार अपराधियों का नाम नहीं लिया, लेकिन सुरक्षा सूत्रों के अनुसार रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी) के तथाकथित असंतुष्ट इलाके में सक्रिय रहते हैं. सरकार के अनुसार असंतुष्ट गुरिल्ला समूह एफएआरसी अपने पहले के नेताओं के किए गए शांति समझौते को अस्वीकार करते हैं और अपने समूह में लगभग 2,400 गुरिल्ला होने का दावा करते हैं.

कई मशहूर असंतुष्ट गुरिल्ला कमांडर हाल ही में मारे गए हैं और कई सीमा पार वेनेजुएला से लड़ रहे हैं. हिंसाग्रस्त कोलंबिया में सरकार, वामपंथी छापामारों, दक्षिणपंथी मिलिशिया और नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोहों के बीच संघर्ष में अकेले 1985 और 2018 के बीच कम से कम 450,000 लोग मारे जा चुके हैं