रूस. व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाले रूस ने आखिर यूक्रेन से युद्ध क्यों शुरू किया. वे आखिर किस शर्त पर यह युद्ध बंद करने को तैयार होंगे. ये 2 सवाल पिछले 7 महीने से पूरी दुनिया को परेशान कर रहे हैं. अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार खुद ही इन सवालों का जवाब दे दिया है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद पहुंचे पुतिन ने अपना टारगेट और वह शर्त बताई, जिसके पूरा होने के बाद वह इस युद्ध को खत्म करने के लिए तैयार हो सकते हैं.
SCO की शिखर बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के पूरे पूर्वी डोनबास क्षेत्र की मुक्ति रूस का मेन टारगेट है. इस टारगेट में कोई बदलाव नहीं आया है और न ही इसकी कोई जरूरत है. जब तक रूस इस टारगेट को पूरी तरह हासिल नहीं कर लेता, तब तक जंग रुकने की संभावना नहीं है.
उन्होंने यूक्रेन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में फिलहाल रूस के वॉलंटियर सैनिक जंग कर रहे हैं और रेग्युलर सैनिक फिलहाल इसमें शामिल नहीं हैं. लेकिन अगर यूक्रेन, रूस के ठिकानों पर हमला करता है तो फिर लड़ाई को विस्तार दिया जाएगा और रेग्युलर सैनिक भी इसमें शामिल हो जाएंगे. यूक्रेन को इसका अंजाम पता होना चाहिए.
पुतिन ने यूक्रेनी सेना को चेताते हुए कहा कि अगर उसने रूस में ऊर्जा संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया तो मास्को अपने हमले तेज कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर वे हमारी बात समझने में विफल रहते हैं तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे. वे इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें.
हालिया दिनों में रूसी सेना के यूक्रेन युद्ध में लगे झटकों के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा कि हम जल्दी में नहीं हैं. हम उन्हें जवाब देंगे और अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने खत्म करने की किसी समयावधि को बताने से इनकार कर दिया. पुतिन ने कहा कि अभी ऑपरेशन चल रहा है. जब इसके सभी टारगेट अचीव हो जाएंगे, इसे खत्म कर दिया जाएगा.