वाराणसी: इस साल 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के त्योहार से पहले ही गरबा डांस में गैर-हिंदू लोगों के प्रवेश को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने चेतावनी जारी की है. मुस्लिम शब्द का जिक्र किए बगैर अखिल भारतीय संत समिति ने चेतावनी में कहा है कि गरबा आयोजनों में मुस्लिम युवक अपने रिस्क पर ही प्रवेश करें, वरना कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं होगा. इस साल 26 सितंबर से शुरू होने वाले देवी दुर्गा के नौ दिवसीय उत्सव के दौरान पारंपरिक गरबा नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

दरअसल, यह बयान अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्र नंद ने दिया है. स्वामी जितेंद्र नंद ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि नवरात्र के दौरान भारत के कई राज्यों में गरबा का आयोजन होता है. पिछले कुछ सालों में यह देखने में आया है कि गैर-हिंदू लोग अपनी पहचान छुपा कर हाथों में कलावे बांध करके लव जिहाद की दृष्टि से गरबा नृत्य में प्रवेश करते हैं. इस परिस्थिति में हम सबकी जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों को रोकें.

इतना ही नहीं, देश के सभी गरबा संचालक समितियों से अखिल भारतीय संत समिति ने आग्रह किया कि गरबा नृत्य का आयोजन करने वाले आयोजक आईडी चेक करके ही आयोजन में किसी को प्रवेश करने की अनुमति दें, ताकि हिंदू बहू-बेटियों के साथ गरबा नृत्य करने वाला कौन है, इसका पता चल सके. इसके साथ ही स्वामी जितेंद्र नंद ने चेतावनी जारी की है कि गैर-हिंदू धर्म के लोग अपने रिस्क पर ही गरबा के पंडाल में प्रवेश करें. यदि कोई घटना होती है तो हिंदू समाज उसका जिम्मेदार नहीं होगा.

इधर, गैर-हिंदू के प्रवेश को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में भी कदम उठाया गया है. मध्य प्रदेश के उज्जैन के एक हिंदू धार्मिक नेता ने घोषणा की है कि ‘लव जिहाद’ के प्रयासों को विफल करने के लिए उनके संगठन के कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी नवरात्रि त्योहार के दौरान प्रदेश में गरबा नृत्य कार्यक्रमों में कोई भी गैर-हिंदू प्रवेश न करे.

अखंड हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने कहा कि लव जेहाद को रोकने के लिए हम प्रदेश में समस्त गरबा पंडालों में तिलक लगाकर और आधार कार्ड जांच करके ही लोगों को प्रवेश देंगे. इसके लिए हम राज्य के सभी गरबा पंडालों में अखंड हिंदू सेना के 10-10 कार्यकर्ता और हिंदू वाहिनी की बहनों को नियुक्त करेंगे. इससे पहले राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए आने वाले नवरात्रि उत्सव के दौरान प्रदेश में गरबा नृत्य स्थलों पर प्रवेश की अनुमति पहचान पत्रों की जांच के बाद ही दी जानी चाहिए.