नई दिल्ली। हर रत्न का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. ऐसे में जब किसी के कुंडली में ग्रह कमजोर होता है तो उसे रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. वहीं, नौ ग्रहों का संबंध पेडों से भी होता है. शनि ग्रह का संबंध शमी, सूर्य ग्रह का संबंध बेल के पेड़ से बताया गया है. ऐसे ही गूलर के पेड़ का संबंध शुक्र ग्रह से माना गया है. ऐसे ही अगर कुंडली में शुक्र कमजोर होता है तो हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है. हालांकि, हीरा काफी महंगा रत्न है. ऐसे में इसे हर कोई नहीं पहन सकता है. ऐसे में लोग गूलर की जड़ हाथ में बांध सकते हैं. इसे हीरे का विकल्प माना गया है और इसके पेड़ की जड़ बाजार में बहुत सस्ती मिल जाती है.

गूलर की जड़ हाथ में बांधने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और हर तरह के सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. कला, मीडिया, फिल्म से जुड़े लोगों के लिए ये जड़ बेहद ही शुभ मानी जाती है. शुक्र ग्रह को धन, ऐश्वर्य, वैभव और लग्जरी लाइफ का कारक माना जाता है.

गूलर की जड़ वृष, मिथुन, कन्या, मकर, तुला और कुंभ लग्न में जन्मे जातक बांध सकते हैं. इसके साथ ही वृष और तुला लग्न और राशि के लोग भी गूलर की जड़ धारण कर सकते हैं. इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में शुक्र उच्च का है तो ऐसे लोग बी जड़ को बांध सकते हैं.

गूलर के जड़ को कभी भी ऐसे ही धारण नहीं करना चाहिए. इसको पूरे विधि-विधान से बांधना चाहिए. गूलर के पेड़ की जड़ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में खरीदें. इसके बाद शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्य के उदय होने के बाद गंगाजल से शुद्ध कर हाथ में बांधें. गूलर के जड़ को हमेशा सफेद कपड़े में ही गले या हाथ में धारण करना चाहिए. इस दौरान एक और बात ध्यान रखें कि इसको गले या हाथ में बांधने से पहले शुक्र देव के बीज मंत्र का 108 बार जाप जरूर करें.