नई दिल्ली। दुनिया के चौथे सबसे अमीर इंसान और एमेजॉन के बॉस जेफ बेजोस को लेकर बड़ा खबर सामने आई है. दरअसल, उनके खिलाफ एक केस दायर कराया गया है. बेजोस के घर में काम कर चुकी एक महिला ने अपनी शिकायत में नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाया है. उसने बताया कि घर पर काम करने के दौरान उसे और कुछ अन्य हाउसकीपर्स को बाथरूम इस्तेमाल करने की भी इजाजत नहीं थी.
द गार्डियन और ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मर्सिडीज वेडा नाम की महिला ने जेफ बेजोस पर ये गंभीर आरोप लगाए हैं. वेडा ने साल 2019 से बेजोस के घर में काम करना शुरु किया था. उन्होंने बताया कि करीब तीन साल तक काम करते हुए उन्हें नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा. उन्हें हर दिन 10 से 14 घंटे तक काम करना पड़ता था और इस बीच न Lunch करने की इजाजत थी और न ही कुछ देर आराम करने की.
रिपोर्ट की मानें तो याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुझे और हाउसकीपिंग से जुड़े अन्य दूसरे कर्मचारियों को बाथरूम जाने के लिए लॉन्ड्री रूम की खिड़की फांदकर बाहर जाना पड़ता था. क्योंकि घर में काम करते हुए भी हमें अंदर का टॉयलेट इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं थी. इसके अलावा दायर मुकदमे में यह भी कहा गया कि घर में काम करने वालों के लिए कोई रेस्टरूम भी नहीं था, जहां वे काम के बीच आराम कर सकें या फिर आराम से खाना खा सकें. हाउसकीपर्स को कपड़े धोने वाले बाथरूम क्षेत्र में बैठकर खाना खाना पड़ता था.
बेजोस की सिएटल की हवेली में काम करने वाली मर्सिडीज वेडा (Mercedes Wedaa) ने अपनी शिकायत में कहा कि वहां मौजूद जेफ बेजोस का हाउस मैनेजर उनके साथ गुस्सा और गाली-गलौच करता था, जबकि वहां काम करने वाले अन्य श्वेत नस्ल के कर्मचारियों के साथ सम्मान और विनम्रता के साथ पेश आता था. वेडा ने अपनी आपबीती में कहा कि श्वेत कर्मचारियों की तुलना में उन्हें बिना रुके कई घंटे ज्यादा काम करना पड़ता था.
जेफ बेजोस पर दायर किए गए केस के बाद उनके वकील इस मामले में उनके बचाव में उतर आए और महिला कर्मचारी के दावे को सिरे से खारिज कर दिया.रिपोर्ट के मुताबिक, वकीलों ने कहा कि मर्सिडीज वेडा की ओर से घर में नस्लीय भेदभाव के लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और गलत हैं. गौरतलब है कि टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में जेफ बेजोस को हाल ही में एक स्थान फिसलकर चौथे स्थान पर आ गए हैं. उन्हें दौलत के मामले में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने रिप्लेस किया है.