दिल्ली के कंझावला केस में कल यानी शुक्रवार को सातवें आरोपी ने पुलिस स्टेशन के सामने सरेंडर किया था। दिल्ली की एक कोर्ट ने आज सरेंडर करने वाले आरोपी अंकुश खन्ना को जमानत दे दी है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने शनिवार को कहा कि आरोपी को इसलिए जमानत दी जा रही है क्योंकि उसके खिलाफ लगे आरोप जमानती प्रकृति के हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी के मुताबिक, अंकुश खन्ना ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि हादसे के समय गाड़ी दीपक चला रहा था। बल्कि जांच में ये सामने आया कि गाड़ी दीपक नहीं अमित चला रहा था। कोर्ट ने जांच अधिकारी के इस बात पर भी गौर किया कि अंकुश खन्ना ने आरोपियों की मदद छुपने में भी की थी। न्यायाधीश ने कहा, ये अपराध जमानती प्रकृति का है। कोर्ट ने अंकुश को 20,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
कोर्ट ने सातवें आरोपी अंकुश खन्ना को जमानत देते हुए निर्देश दिया कि जांच में जब भी जरूरत हो तो शामिल हों। साथ ही किसी भी सबूत के साथ कोई छेड़छाड़ न करें। कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोपी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी। कोर्ट ने अंकुश को जमानत दे दी।
बता दें कि कंझावला केस में पुलिस ने 5 आरोपियों के अलावा अंकुश खन्ना और आशुतोष पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था। दोनों को हादसे के बारे में जानकारी थी। पुलिस का आरोप है कि दोनों ने मिलकर बाकी आरोपियों को बचाने में मदद की। मालूम हो कि आशुतोष वही है जिसकी कार से ये हादसा हुआ। आशुतोष को इसलिए आरोपी बनाया गया है क्योंकि उसने पुलिस से कहा कि गाड़ी दीपक चला रहा था। बल्कि जांच में ये सामने आया कि गाड़ी दीपक नहीं अमित चला रहा था। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। इसलिए दीपक ने झूठ बोला कि गाड़ी अमित नहीं वो चला रहा था। जिस सातवें आरोपी अंकुश खन्ना को आज जमानत मिली है वो गाड़ी चला रहे अमित खन्ना का भाई है। अंकुश ने कल सुल्तानपुरी थाने के सामने सरेंडर किया था।