प्रयागराज. अतीक अहमद के करीबी खान सौलत हनीफ ने बुधवार को कस्टडी रिमांड के दौरान कई राज उगले। उसने कबूला कि हत्याकांड की साजिश में वह भी शामिल था। यही नहीं अतीक-अशरफ की ओर से रची गई साजिश की एक-एक जानकारी शाइस्ता को थी।

पुलिस ने सौलत की निशानदेही पर उसके घर से तीन मोबाइल फोन व एक पिस्टल बरामद करने का दावा किया है। खान सौलत को धूमनगंज पुलिस ने बुधवार सुबह सात बजे के करीब केंद्रीय कारागार नैनी पहुंचकर अभिरक्षा में लिया। इसके बाद उसे वज्र वाहन से सीधे धूमनगंज थाने लाया गया, जहां उससे पूछताछ शुरू हुई।

विवेचक राजेश कुमार मौर्य ने उससे एक के बाद एक कई सवाल पूछे। सबसे पहले उमेश पाल हत्याकांड में उसकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई। पूछा कि आखिर उसने उमेश की तस्वीर असद को क्यों भेजी। इस सवाल का सौलत कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।

इसके बाद उमेश पाल हत्याकांड की साजिश और इसमें शामिल मददगारों के बारे में जानकारी मांगी गई। सूत्रों का कहना है कि सौलत ने एक अहम बात यह बताई कि इस हत्याकांड की साजिश अतीक-अशरफ ने रची और शाइस्ता इसकी राजदार थी।

शूटर कब क्या और कैसे करेंगे, इसकी एक-एक जानकारी उसे थी। हत्याकांड के बाद असलहे और नकदी भरा बैग चकिया कार्यालय में छिपाने का काम भी नौकरों राकेश व अन्य ने शाइस्ता के कहने पर ही किया।

करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस खान सौलत को लेकर धूमनगंज थाने से निकली। उसे कड़ी सुरक्षा में थाने से कुछ दूर पर प्रीतमनगर स्थित उसके घर ले जाया गया। वहां उसकी निशानदेही पर तीन मोबाइल फोन व एक नाइन एमएम की पिस्टल बरामद की गई। बरामद फोन में से एक आईफोन है और सूत्रों का कहना है कि इसी के जरिए सौलत ने अतीक के बेटे असद को उमेश पाल की तस्वीरें भेजी थीं।

गौरतलब है कि एनकाउंटर में मारे जाने के बाद असद के मोबाइल की जांच में पता चला था कि सौलत ने 19 फरवरी यानी उमेश की हत्या से चार दिन पहले असद को व्हाट्सएप पर उमेश की 10 तस्वीरें भेजी थीं। बाद में असद ने इन तस्वीरों को अन्य शूटरों के पास भेजा था। इसी आधार पर पुलिस ने सौलत को साजिश रचने का आरोपी बनाया है।

सूत्रों का कहना है कि सौलत ने कस्टडी रिमांड के दौरान यह भी बताया कि वह अतीक व अशरफ से फेसटाइम एप के जरिए संपर्क में रहता था। यही नहीं शाइस्ता या अतीक के बेटे भी उससे फेसटाइम के जरिए ही संपर्क करते थे।
शाम को फिर जेल में कराया दाखिल

कोर्ट ने खान सौलत की 12 घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर की थी, जिसकी अवधि सुबह छह से शाम छह बजे तक के लिए थी। पूछताछ के बाद शाम छह बजे के करीब धूमनगंज पुलिस ने उसे नैनी जेल में दाखिल करा दिया। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में दोषी करार दिए जाने के बाद से खान सौलत नैनी जेल में सजा काट रहा है। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

पुलिस जिस वक्त बरामदगी के लिए खान सौलत को लेकर उसके घर पहुंची, वहां केवल महिलाएं ही माैजूद थीं। इस दौरान उसके बेटे वहां नहीं थे। फिलहाल पुलिस ने सौलत को किसी से कोई बात नहीं करने दी। असलहे व मोबाइल बरामद करते हुए करीब 20 मिनट बाद पुलिस उसे लेकर बाहर निकली और फिर धूमनगंज थाने पहुंच गई