फिल्म ‘आदिपुरुष’ अपनी रिलीज के साथ ही चर्चा का हिस्सा बन गई है. इस फिल्म में तेलुगू सिनेमा के सुपरस्टार प्रभास ने काम किया है. डायरेक्टर ओम राउत ने 500 करोड़ के बजट में इस फिल्म को बनाया है. रामायण की महागाथा पर आधारित ‘आदिपुरुष’ में भगवान राम और मां सीता के वनवास, और रावण संग राम की लड़ाई को दिखाया गया है. इस फिल्म को लेकर दर्शकों में जो उत्साह था, उतना मजा फिल्म थिएटर्स में नहीं दे पाई. अभी तक रामायण के जितने वर्जन स्क्रीन पर देखे गए हैं, उनमें से ये सबसे अलग है. फिर भी ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने इसमें कई बड़ी चूक की हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं.

शुरू से शुरू करते हैं. ‘आदिपुरुष’ की कहानी की शुरुआत राम उर्फ राघव के जानकी (सीता) और शेष (लक्ष्मण) के साथ वनवास से होती है. इससे पहले की सारी कहानी- राम जन्म, उनकी मां, राजा दशरथ का राम के वनवास जाने के बाद विलाप और भरत का अपने भाई के लिए प्रेम, कुछ भी आपको फिल्म में देखने के लिए नहीं मिलता है. राम के युद्ध जीतने के बाद वापसी को भी नहीं दिखाया गया है. क्योंकि फिल्म में आधी रामायण की स्टोरी ही नहीं दिखाई गई है तो राजा दशरथ और कैकेयी के एक सीन के अलावा उन्हें नहीं देखा जाता. मंथरा का षड्यंत्र, मां कौशल्या, भरत, शत्रुघ्न जैसे किरदार फिल्म में नहीं दिखाए गए हैं.ॉ

अगर आपने फेमस फिल्म फ्रेंचाइजी हैरी पॉटर को देखा है तो आपको पता होगा कि दमपिशाच कौन थे. दमपिशाच को अग्रेंजी में Dementers कहा जाता है. ये लोगों की आत्मा से खुशी खींचते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि दमपिशाच ‘आदिपुरुष’ में क्या कर रहे हैं? मेरा भी फिल्म देखते हुए यही सवाल था. फिल्म के सीक्वेंस में राघव को दमपिशाच जैसे दिखने वाले मायावी राक्षसों से लड़ते हुए आप देखेंगे. ये पूरा सीन काफी अजीब है.

‘आदिपुरुष’ में VFX का काफी हेवी इस्तेमाल किया गया है. किसी भी जमाने में बिना VFX रामायण जैसी कहानी बनाना मुश्किल है, लेकिन 500 करोड़ रुपये के बजट वाली इस फिल्म में VFX भी बहुत कमाल का नहीं है. एक सीन में जानकी के सिर पर पल्लू भी VFX की मदद से डाला हुआ नजर आता है. बहुत से सीन्स हैं, जो CGI से बने हैं और आप उनके ‘नकली’ होने को साफ महसूस कर सकते हैं.

रावण ने कुबेर से सोने की लंका हथिया ली थी. लंका सोने की थी ये सभी जानते हैं. लेकिन ‘आदिपुरुष’ में रावण की लंका को देखकर लगता है कि वो ‘वाकांडा’ में रहता है. ये लंका सोने की नहीं है, इसमें बस सोने का काम हुआ है. लंका में रावण का महल काला है. उसका इंटीरियर और एक्सटीरियर काला है. लंका के अंदर रखा सामान भी काला ही है. यहां तक कि अशोक वाटिका भी काले पत्थर से बनी है, जो देखने में बगीचा तो बिल्कुल नहीं लगती. अशोक वाटिका में चेरी ब्लॉसम के पेड़ लगे हैं, उसके अलावा दूसरे पेड़-पौधे उसमें नहीं है. यहां तक कि लंका में नदी और तालाब का पानी भी काला है. लंका में रहने वाले सभी लोग और रावण काले ही कपड़े पहनते हैं. लेकिन फिल्म में इस काली लंका को बताया ‘सोने’ की ही गया है.

‘आदिपुरुष’ ने कुछ डिटेल्स के साथ भी गड़बड़ की है. रावण के लुक के चर्चे तो लगातार हो ही रहे हैं. Faux Hawk हेयरकट वाला रावण देखना सभी के लिए अटपटा है. लेकिन उससे भी ज्यादा अटपटा है उसे पुष्पक विमान नहीं बल्कि चमगादड़ विमान की सवारी करते देखना. शिव भक्त रावण, रुद्राक्ष भी तोड़ देता था. जानकी के वनवासी कपड़ों का रंग भी अलग हैं. जानकी अपनी निशानी के तौर पर बजरंग को चूड़ामणि नहीं बल्कि चूड़ी देती है.

राम सेतु का नाम राम सेतु इसलिए पड़ा था क्योंकि उसे राम नाम के पत्थरों से बनाया गया था. ये चीज ‘आदिपुरुष’ में नहीं दिखाई गई है. फिल्म में राघव नाम लेकर पत्थरों को समंदर के पानी में डाला जाता है, लेकिन उन पत्थरों पर राघव का नाम लिखा नहीं गया.

जानकी का एक और सीन जिसे देखकर आपका सिर चकराएगा वो है जब रावण और इंद्रजीत अपने साथ उन्हें युद्धभूमि में ले आते हैं. राघव के लंका पहुंचने के बाद रावण और इंद्रजीत उसका सामने करने आते हैं. अभी युद्ध की शुरुआत नहीं हुई है. दोनों के साथ जानकी होती है, जिसे बेड़ियों में बांधा हुआ है. इसके बाद रावण, जानकी को आजाद कर देता है और वो राघव की ओर पूरी ताकत लगाकर भागने लगती हैं. लेकिन जैसे ही दोनों मिलते हैं, इंद्रजीत जानकी का गला काट देता है. बाद में पता चलता है कि वो असली जानकी मां नहीं बल्कि रावण का एक मायावी राक्षस था. ये पूरा सीक्वन्स काफी अजीब था और रामायण की असली कहानी से एकदम अलग है.

राम सेतु वाली चूक की ही तरह सीता यानी जानकी के किरदार के साथ भी एक सीन कन्फ्यूज करने वाला है. ‘आदिपुरुष’ में जानकी, राघव की विजय के बाद खुद ही युद्धभूमि में आकर उनसे मिलती हैं. दोनों एक दूसरे को गले लगाते हैं और सब ठीक हो जाता है.

‘आदिपुरुष’ के डायलॉग्स भी अलग ही लेवल के अतरंगी हैं. रामायण जैसी कहानी में ऐसे डायलॉग डालने का ख्याल मेकर्स को कहां से आया ये तो पता नहीं, लेकिन इनकी वजह से इंटरनेट पर हलचल खूब मची हुई है. इसमें ‘जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा उसकी लंका लगा देंगे’, ”कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. आग भी तेरे बाप की. और जलेगी भी तेरे बाप की’, ”ए! तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया. मरेगा बेटे आज तू अपनी जान से हाथ धोएगा’ और ‘मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया. अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है’, जैसे डायलॉग आपको सुनने मिलते हैं. इन डायलॉग्स को सुनने के बाद आपकी आंतें एंठने लगेंगी.

भगवान राम को मर्यादा पुरषोत्तम के रूप में जाना जाता है. उनका स्वभाव शांत और शीतल था. लेकिन ‘आदिपुरुष’ के राघव का खून खौलने में दो मिनट नहीं लगते. राघव के लिए मर्यादा सबसे बड़ी है. लेकिन उन्हें गुस्सा भी बहुत आता है. वहीं शेष (लक्ष्मण) के किरदार को शांत दिखाया गया है.