कभी एक-दूसरे के सबसे करीबी सहयोगी रहे दुनिया के सबसे अमीर मुस्लिम देश अब एक दूसरे को आंखें दिखा रहे हैं. सऊदी अरब ने यूएई को एक प्राइवेट मीटिंग में धमकी देते हुए कहा कि अगर वह बात नहीं माना और लगातार उनकी हितों का हनन करते रहा तो उसके खिलाफ कड़ी और दंडात्मक करवाई कर सकता है.

मालूम हो कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच बढ़ती दूरियों के बीच यह धमकी आई है. दोनों देश के बीच पनपे मतभेद क्षेत्रीय नीति और OPEC+ लिमिट को लेकर आया है.

मालूम हो कि साल 2017 में सऊदी अरब ने क़तर और बहरीन की मदद से कतर पर तीन साल से ज्यादा समय तक राजनयिक प्रतिबंध लगाए थे. अरब ने कहा कि अगर यूएई नहीं मन तो उसका हश्र भी क़तर जैसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि यूएई का सामने कोई और चेहरा रख कर और पीठ में छुरा घोंपने का काम कर रहा है.

दोनों देशों के बीच यह दरार मध्य पूर्व और दुनिया के तेल बाजारों में जियोपॉलिटिक्स और आर्थिक प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा को दिखाती है. इस क्षेत्र में अमेरिका की कम भागीदारी से यह और भी ज्यादा बढ़ गया है. दोनों देश रूस और चीन के करीब पहुंच बनाने में लगे हैं.

दोनों देशों की बीच बढ़ते तनाव ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका के कई नीति जैसे कि ईरान के खिलाफ सुरक्षा गठबंधन, यमन में युद्ध को रोकने और इजराइल से मुस्लिम देशों की संबंध को लेकर चिंता बढ़ गई है.

जहां, यूएई अर्व्यवस्था की विकास के लिए तेल पर निर्भरता काम कर रहा है. सऊदी अरब ने भी अब अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना शुरू कर दिया है, जिससे वह यूएई के साथ सीधे संघर्ष में आ गया है. दोनों देशों के बीच इसी को लेकर काफी तनाव चल रहा है. खाड़ी क्षेत्र में अपने प्रभुत्व के लिए क्राउन प्रिंस और बिन जायद के बीच संघर्ष चल रहा है. दोनों के बीच 6 महीने से कोई बातचीत नहीं हुई है.