बिजनौर। वन विभाग की टीम और ग्रामीणों के बीच मछली पकड़ने को लेकर नोक झोंक हो गई, जब वन विभाग मुजफ्फरनगर की टीम ग्रामीणों की नाव पकड़ कर ले जा रहे थे। तो सैकड़ो ग्रामीणों ने हैदरपुर वेटलैंड वन विभाग के दफ्तर पहुंचकर जमकर हंगामा किया।
बिजनौर में वन विभाग कर्मियों और ग्रामीणों के बीच आज उस वक्त नोकझोंक हो गई जब मछली पकड़ने के आरोप में मुजफ्फरनगर वन विभाग की टीम ग्रामीणों की नाव पकड़ कर ले गई। गुस्साए सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा होकर हैदरपुर वेटलैंड वन विभाग के दफ्तर पहुंचे और नाव वापस करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
दरअसल यह पूरा मामला बिजनौर के गंगा बैराज घाट के पास का है, जहां पर तटबंध के पास नवलपुर गांव में बंगाली समाज के लोग रहते हैं, जो मछली पकड़कर अपना जीवन यापन करते हैं। मंगलवार को मुजफ्फरनगर वन विभाग की टीम ने इस क्षेत्र में मछली के शिकार को अवैध बताते हुए बंगाली समाज के लोगों की नाव पकड़ ली। नाव पकड़ने से नाराज सैकड़ों बंगाली समाज के लोग इकट्ठा होकर हैदरपुर वेटलैंड वन विभाग के दफ्तर पर पहुंचे और जोरदार हंगामा कर नाव को वापस दिए जाने की मांग करने लगे।
ग्रमीण विजेंदर, राजन, विश्वनाथ, गुरूपथ, खटीक, श्याम, निहार, प्रतुल निताई मिस्त्री, भगीरथ मंडल, झरना, गोरी, जोशना, आर्थी, सूनाता,लक्षय,बिरला मंडल,गीता आदि का कहना है कि मुज़फ्फरनगर वन विभाग के अधिकारी बिजनौर के एरिया से नाव उठाकर ले गए, जिसके बाद सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर वेटलैंड पहुंचे। इससे पहले भी 14 अक्टूबर को 3 नाव लेकर चले गए, जबकि 3 नाव तोड़कर चले गए।
राजन समद्दक ने जानकरी देते हुए बताया कि वह 16 अक्टूबर को डीएम बिजनौर से मिले थे जिसके बाद डीएम ने 2 दिन का आश्वासन देते हुए कहा था कि न तो बंगाली लोग मछली पकड़ने और न ही कोई अधिकारी वहां जाएगा लेकिन आज फिर मुजफ्फरनगर वन रेंज के कुछ लोग वहां पहुंचे और एक नाव उठाकर ले गए। बंगाली समाज के लोगों का साफ तौर पर कहना है कि या तो उन्हें खेती करने के लिए जमीन दी जाए या मछली का शिकार करने की उन्हें छूट दी जाए जिससे उनके परिवार के रोज रोटी चल सके।
वेटलैंड के वन रेंजर रजनीकांत चौधरी का कहना है कि यह एरिया बारासिंघा अभ्यारण के नाम से रिजर्व है यहां पर किसी भी तरह की इल्लीगल एक्टिविटी पूर्ण रूप से बैन है। बंगाली समाज के कुछ लोग यहां पर शिकार करने आते हैं जो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। कुछ लोग हैं बंगाली समाज के जो बिजनौर की तरफ रहते हैं यह लोग कभी-कभार मछली का शिकार करने आते हैं। वन विभाग इनको रोकता है जिसका यह विरोध करते है। दो दिन पहले भी इनकी 3 नाव हमने जप्त की थीं।