नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा में चूक के मामले में एक और आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि कुमावत भी संसद परिसर में उपद्रव की साजिश में शामिल था। सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने महेश कुमावत को ट्रैक किया। इसके बाद उसको संसद सुरक्षा उल्लंघन के संबंध में पूछताछ के लिए ले जाया गया। दिल्ली पुलिस ने घंटों की पूछताछ के बाद आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जाता है कि जब दिल्ली पुलिस संसद पर हमले के मास्टरमाइंड ललित झा की तलाश कर रही थी तो वह भागकर राजस्थान में महेश के ठिकाने पर पहुंच गया था। सूत्रों की मानें तो संसद पर हमले के दिन महेश दिल्ली आया था। संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के मोबाइल फोन को नष्ट करने के लिए भी महेश जिम्मेदार था।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि महेश कुमावत नीलम देवी के भी संपर्क में था। मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस महेश के चचेरे भाई कैलाश से भी पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इस बीच दिल्ली की अदालत ने संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार महेश कुमावत को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरोपी महेश कुमावत की 15 दिन की हिरासत मांगी थी। महेश को आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उस पर सबूत नष्ट करने के आरोप भी लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस संसद मामले में उससे और पूछताछ करना चाहती है। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कुमावत ने बताया कि वह आरोपियों द्वारा बनाए गए ’भगत सिंह फैन क्लब पेज’ का सदस्य था। यह पेज अब ’डिलीट’ हो चुका है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत में कहा था कि ललित झा संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के षड्यंत्र का सरगना है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के ललित झा को सात दिन तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि ललित झा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर देश में अराजकता फैलाना चाहता था ताकि सरकार को मांगें मनवाने के लिए झुका सके। पुलिस 13 दिसंबर को हुई वारदात का क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि ललित ने पूछताछ में यह बात कबूली है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे। पुलिस ने अदालत से कहा कि ललित का किसी दुश्मन देश या आतंकी संगठन से कोई संबंध तो नहीं है, इन सवालों को लेकर उससे पूछताछ करने की जरूरत है। पुलिस का कहना था कि वह ललित को राजस्थान भी ले जाएगी ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका दिया था और महेश कुमावत के साथ मिलकर दूसरों के फोन जलाए थे।