नई दिल्ली: हर कोई चाहता है कि वह सबसे अच्छा और स्पष्ट बोले। लेकिन हकलाने के कारण सही अक्षर, शब्द और ध्वनि का उच्चारण नहीं हो पाता। बचपन में हकलाने की वजह से कई तरह की परेशानियां होती है। इसका प्रभाव व्यक्तित्व विकास पर भी पड़ता है। स्कूल, कॉलेज व कार्यालय में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से संचालित बचपन डे केयर स्कूल में हकलाने वाले भी कई बच्चों का स्पीच थेरेपी के माध्यम से नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।
बचपन डे केयर स्कूल की शिक्षिका व स्पीच थेरेपी विशेषज्ञ आस्था द्विवेदी हकलाने वाले बच्चों को व्यवाहारिक तरीके से बोलना सिखाती हैं। स्पीच थेरेपी के जरिए वे अब तक 80 बच्चों का उपचार कर चुकी हैं। द एडवांस फिजियोथेरेपी सेंटर झूंसी के डॉ. वेद राजपूत ने बताया कि स्पीच थेरेपी एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से बच्चों को बेहतर ढंग से बोलना और जो कम बोल पाते हैं उनको भी बोलना सिखाया जाता है। स्पीच थेरेपी से बच्चों में बोलने का विकास बहुत जल्दी होता है। हकलाने वाले बच्चों की स्पीच थेरेपी कम उम्र में ही शुरू कर देने से उपचार में मदद मिलती है।