प्रयागराज : प्रयागराज में छात्र समुदाय की एक बड़ी जीत हुई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों की प्रमुख मांगों को स्वीकार करते हुए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सोमवार से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों के संघर्ष के बाद, UPPSC ने PSC (राज्य लोक सेवा आयोग) और RO/ARO (रिवाइजिंग ऑफिसर/ASSISTANT REVIEW OFFICER) की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इस फैसले ने छात्रों को एक बड़ी राहत दी है और उनके आंदोलन को सफलता की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया।
प्रदर्शनकारियों के मुख्य मुद्दों में से एक था कि UPPSC की परीक्षा दो शिफ्टों में होती थी, जिससे समय की कमी और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। UPPSC ने छात्रों की इस मांग को स्वीकार करते हुए फैसला लिया है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 अब एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। यह निर्णय छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगा और परीक्षा की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।
इसके अलावा, UPPSC ने RO (रिवाइजिंग ऑफिसर) और ARO (ASSISTANT REVIEW OFFICER) की परीक्षा को स्थगित करने का फैसला भी किया है। यह कदम छात्रों की लगातार मांगों के बाद उठाया गया है, जो इन परीक्षाओं को एक साथ आयोजित करने के विरोध में थे। इस फैसले से छात्रों को अपनी तैयारी में पर्याप्त समय मिलेगा और उन्हें मानसिक शांति मिलेगी।
इस बदलाव के पीछे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने छात्रों के आंदोलन और उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया और आयोग को निर्देशित किया कि वे छात्रों के साथ संवाद करें और उनके मुद्दों पर समन्वय बनाएं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि UPPSC को छात्रों के हित में सही और आवश्यक निर्णय लेने चाहिए, ताकि उनकी कठिनाइयां दूर हो सकें।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग से कहा था कि वह छात्रों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और उनके विचारों और मांगों का सम्मान करें। उनके समन्वय से यह निर्णय लिया गया कि परीक्षाओं के आयोजन की प्रक्रिया को छात्रों की जरूरतों के अनुसार ढाला जाए।
परीक्षा को लेकर छात्रों के सवालों और चिंता को दूर करने के लिए एक समिति बनाने का भी निर्णय लिया है। यह समिति सभी पहलुओं पर विचार करके अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए भविष्य में परीक्षा आयोजन प्रक्रिया को सुधारने के उपाय किए जाएंगे।
प्रयागराज में छात्रों का धरना-प्रदर्शन सोमवार से लगातार जारी था। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की थी। उनका मुख्य उद्देश्य UPPSC की परीक्षाओं की पुनः संरचना, परीक्षा के समय और शेड्यूल में बदलाव था। छात्रों के आंदोलित होने के बाद मुख्यमंत्री ने मामला संज्ञान में लिया और आयोग को निर्णय लेने के लिए कहा।
छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर जो दबाव बनाया था, उसे देखते हुए UPPSC ने आयोग के निर्णय में तत्काल बदलाव किया और छात्रों की चिंता को समझते हुए अपनी नीतियों में सुधार किया।
प्रयागराज में छात्रों का संघर्ष रंग लाया और UPPSC ने उनकी प्रमुख मांगों को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और आयोग के सक्रिय प्रयासों से छात्र समुदाय को राहत मिली है। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि जब छात्रों की समस्याओं को सही तरीके से सुना जाता है और उचित कदम उठाए जाते हैं, तो सकारात्मक बदलाव संभव है। अब यह देखना होगा कि भविष्य में RO/ARO परीक्षा के बारे में गठित समिति क्या रिपोर्ट प्रस्तुत करती है और क्या इस सुधार की प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया जाता है।