मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी महायुति अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला नहीं ले सकी है। इसी बीच शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने इशारों इशारों में राज्य के शीर्ष पद के लिए दावा पेश करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि सीएम पोस्ट को लेकर गठबंधन के तीनों दल साथ बैठकर फैसला लेंगे। अब तक संकेत मिल रहे हैं कि पोस्ट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जा सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को शिंदे ने कहा, ‘मैं लोगों का मुख्यमंत्री था…। यहां तक कि मैं कहता था कि मैं सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं था, बल्कि कॉमन मैन था। एक आम आदमी के तौर पर मैंने लोगों के तकलीफों और दर्द को समझा और उन्हें दूर करने की कोशिश की। चूंकि मैंने कॉमन मैन के तौर पर काम किया है तो स्वभाविक है कि लोगों को लगता है कि मुझे मुख्यमंत्री होना चाहिए।’
रविवार को ही शिंदे अपने पैतृक गांव दारे से ठाणे के लिए रवाना हुए थे। अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह सरकार गठन को लेकर हो रही चर्चाओं से खुश नहीं थे और इसलिए गांव रवाना हो गए थे। हालांकि, वापसी पर उन्होंने खुद ही स्थिति को साफ किया और जानकारी मिली कि उन्हें तेज बुखार आ गया था।
स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना नेता ने कहा कि वह अब ठीक हैं और आराम करने के लिए अपने पैतृक गांव आए थे। शिंदे ने कहा, ‘मैं हमेशा अपने गांव आता हूं। जब मैंने पिछले सप्ताह ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया, तो इसमें कोई भ्रम क्यों होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी सरकार देंगे, जो लोग चाहते हैं। पिछले ढाई साल में हमारे काम के बदले, जो भारी जनादेश मिला है, उसके कारण अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।’
शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना राज्य में नई सरकार के गठन पर भाजपा के फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने यह भी दोहराया है कि महाराष्ट्र के सीएम पद को लेकर फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा की तरफ से लिया जाना है और वह फैसले का पूरा समर्थन करते हैं।
शिंदे ने दोहराया कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है और बताया कि भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा, भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। हम लोगों के हित में निर्णय लेंगे। मेरे रुख को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है।’
शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने रविवार को कहा कि अगर अजित पवार की राकांपा महायुति का हिस्सा नहीं होती, तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 90-100 सीटें जीत सकती थी। अजित पवार पिछले साल जुलाई में शिंदे सरकार में शामिल हुए थे और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। निवर्तमान सरकार में मंत्री पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, ‘हमने केवल 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को उनकी सरकार में क्यों शामिल किया गया।’ उन्होंने शिंदे की भी प्रशंसा की और कहा कि शिंदे एक बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं, जो नाराज होने के बजाय मुकाबले में विश्वास करते हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। भाजपा के नए विधायक दल की बैठक दो या तीन दिसंबर को होगी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पुत्र और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे को नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने कहा, ‘बातचीत चल रही है।’