नई दिल्ली. अंजनाद्री पर्वत पर स्थित हनुमनहल्ली, रामापुर जैसे क्षेत्रों में कई प्रमाण मिले हैं जो साबित करते हैं कि हनुमान का जन्म किष्किंधा में हुआ था. अंजनहल्ली हनुमान की नानी का घर या फिर कहें उनकी माता अंजना देवी का मायका कहलाता है. हनुमान का जन्म इसी पहाड़ पर हुआ था जिसकी वजह से यह पहाड़ अंजनाद्री नाम से विख्यात है.
कोप्पल जिले के गंगावती तालुक में स्थित हनुमान की जन्मस्थली कहलाया जाने वाला अंजनाद्री इन दिनों फिर से चर्चाओं में है. तिरुपति तिरुमला देवस्थान के लोगों का दावा है हनुमान का जन्म तिरुपति में हुआ था.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट ने बुधवार को तिरुपति के तिरुमाला में अंजनाद्री पर्वत पर भूमि पूजन किया, जिसे भगवान हनुमान का जन्मस्थान माना जाता है.
विशाखा श्री शारदा पीठम के स्वरूपानंदेंद्र सरस्वती ने कहा, “तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी में हनुमान के जन्मस्थान पर भूमि पूजा आयोजित की गई थी. आंध्र प्रदेश वेदों का जन्मस्थान है और वेंकटेश्वर स्वामी की कृपा और अनुमति के बिना कुछ भी नहीं होता है.”
बता दें कोप्पल जिले का अंजनाद्री भी काफी तंग इलाका है. यहां भगवान हनुमान के दर्शन पाने के लिए यहां 576 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. ऐसे कई प्रमाण मिले हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि हनुमान का जन्म किष्किंधा क्षेत्र के अंजनाद्री में हुआ था.
कई दस्तावेजों में आनेगुंदी से 10 किमी की दूरी पर स्थित ईसा पूर्व 1069 में निर्मित शिलालेख में भी तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित किष्किंधा क्षेत्र के बारे में बताया गया है. पश्चिम दिशा में 20 किमी की दूरी पर स्थित ईसा पूर्व 1088 के शिलालेख में भी किष्किंधा के बारे में बताया गया है.