हरियाणा. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने सिविल सर्विस परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट पिछले महीने जारी किया था और 685 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है, जिसमें दिल्ली की श्रुति शर्मा ने टॉप किया. हर साल लाखों छात्र यूपीएससी एग्जाम में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है और इसके लिए उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि कुछ ऐसे भी स्टूडेंट होते हैं, जो आसानी से सफलता हासिल कर लेते हैं. ऐसी ही कुछ कहानी हरियाणा की रहने वाली प्रीति हुड्डा की है, जिन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान मस्ती भी की और फिल्में भी देखी.
हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली प्रीति हुड्डा ने हिंदी मीडियम से पेपर और इंटरव्यू देकर यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की. इसके बाद वह आईएएस के लिए चुनी गईं. हालांकि उनके लिए यह सब इतना आसान नहीं था, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. प्रीति के पिता दिल्ली परिवहन निगम में बस चलाते थे और उनकी कमाई से ही परिवार को खर्चा चलता था.
प्रीति हुड्डा पढ़ाई में बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थीं और उन्होंने दसवीं में 77 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने 12वीं में 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. 12वीं के बाद प्रीति ने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया और 76 प्रतिशत अंकों से पास हुईं. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से हिंदी में ही एम.फिल और पीएचडी की.
प्रीति हुड्डा ने बचपन में कभी भी सिविल सर्विस में जाने के बारे में नहीं सोचा था. वह बताती हैं कि उनके पापा का सपना था कि वो आईएएस बनें. जब प्रीति ने जेएनयू में एडमिशन लिया, तब यूपीएससी एग्जाम के बारे में उनको पता चला. फिर एम.फिल करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की.
प्रीति हुड्डा ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई और उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ मस्ती भी की. वह बताती हैं कि लगातार 10 घंटे तक पढ़ाई के बजाय थोड़ा सोचकर दिशा तय करके पढ़ाई करने की जरूरत होती है. उनका मानना है कि तैयारी के साथ-साथ मस्ती भी जरूरी है. कॉन्फिडेंस के साथ धीरे-धीरे सिलेबस को पूरा करना चाहिए और बहुत सारी किताबें पढ़ने की बजाय, रिवीजन जरूरी है. वह कहती हैं कि तैयारी करते वक्त फिल्में देख सकते हैं, लेकिन बैलेंस जरूरी है.
प्रीति हुड्डा बताती हैं कि जब यूपीएससी एग्जाम का रिजल्ट आया, तब उनके पापा ड्यूटी पर थे और डीटीसी बस चल रहे थे. जब प्रीति ने उन्हें फोन पर यूपीएससी एग्जाम पास होने की बात बताई तो वह बहुत खुश हुए. प्रीति ने बताया, ‘पापा कभी भी मुंह पर तारीफ नहीं करते हैं, लेकिन उस दिन उन्होंने पहली बार तारीफ की और कहा कि शाबाश मेरा बेटा, मैं बहुत खुश हूं.’