मेरठ. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मेें शामिल दिल्ली मेरठ रैपिड रेल का सफर जितना शानदार होने जा रहा है। उसकी क्षमता भी उतनी ही दमदार है। छह कोचों वाली रैपिड ट्रेन दिल्ली से मेरठ के बीच प्रतिदिन लगभग आठ लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी। रैपिड के एक कोच में लगभग 400 यात्री सफर कर सकेंगे। शुरू में फिलहाल 30 ट्रेनें इस कॉरिडोर पर दौड़ेंगी। रैपिड स्टेशन पर हर पांच से सात मिनट पर यह यात्रियों को अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी।

दिल्ली एनसीआर में ट्रैफिक के लगातार बढ़ते दबाव व प्रदूषण के चलते स्थिति बहुत नाजुक हैं। इसका सीधा असर लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। रैपिड के शुरू होने के बाद इसमें काफी हद तक सुधार की गुंजाइश होगी। रैपिड प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन के शुरू होने के बाद जहां सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव काफी स्तर तक कम हो जाएगा। वहीं, प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी।

रैपिड दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किमी के कॉरिडोर पर सराय काले खां से लेकर मोदीपुरम तक अपनी फुल क्षमता से दौड़ेगी, तब यह प्रतिदिन आठ लाख लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी। रैपिड का जो ब्ल्यू प्रिंट तैयार किया गया है उसके अनुसार रैपिड के एक कोच में एक बार में औसत 400 लोग सफर करेंगे और यदि पूरी ट्रेन की बात करें तो इसमें एक बार में 1790 यात्रियों से लेकर 2400 यात्री एक बार में सफर करेंगे।

इन अधिकारियों के अनुसार अभी ट्रेन चलने की टाइमलाइन को अन्तिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन यह दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर हो सकती है। दिल्ली मेट्रो की रनिंग टाइमिंग सुबह पांच से रात 11 बजे तक होती है। उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली मेरठ रैपिड की टाइम लाइन भी इसके इर्द-गिर्द होगी। पुनीत वत्स के अनुसारट्रेन का आपरेशनल प्लान अभी तैयार किया जा रहा है। इसके बाद ही ट्रेन की फाइनल टाइमिंग का पता चलेगा।

रैपिड ट्रेन दौड़ने के साथ मेरठ के बस अड्डों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ जाएगा। रैपिड अधिकारियों के अनुसार जब मेरठ से दिल्ली के बची रैपिड दौड़ेगी तो मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, हापुड़, खतौली, बागपत व शामली सहित आस पास के विभिन्न शहरों से लोग पहले मेरठ आएंगे और उसके बाद यहां से रैपिड पकड़कर दिल्ली का सफर तय करेंगे। एक अनुमान के अनुसार मेरठ के विभिन्न बस अड्डों पर ऐसे में यात्रियों का बोझ लगभग 50 फीसदी तक बढ़ जाएगा।

उधर रोडवेज अधिकारियों के अनुसार रैपिड शुरू होने के बाद यदि दिल्ली मेरठ रूट पर रोडवेज बसों में यात्रियों का दबाव कम होगा तो दूसरे रूटों पर यात्रियों का दबाव बढ़ भी जाएगा। क्योंकि ऐसे में कई शहरों के लोग रैपिड में सफर करने के लिए बसों से मेरठ पहुंचेंगे।