रुड़की: रुड़की से करीब 22 किमी दूर नारसन कस्बे में बुजुर्ग महिला के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। सगे-संबंधी और रिश्तेदार शोक मनाने के लिए घर पर जुट गए, लेकिन अचानक ही 102 साल की बुजुर्ग महिला जी उठी।

गमगीन परिवार में अचानक खुशियां लौट आई। थोड़ी देर पहले तक जहां लोग शोक मना रहे थे वह इसे ईश्वर का चत्मकार मनाने लगे और चाय की चुस्कियों के साथ अपने-अपने घरों को चले गए।

जानकारी के मुताबिक नारसन खुर्द निवासी विनोद की माता ज्ञान देवी(102) कुछ समय से बीमार चल रही थी। सुबह अचानक बुजुर्ग महिला मुर्छित हो गई। आनन-फानन परिजनों ने डॉक्टर को बुलाकर बुजुर्ग की जांच करवाई। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि ज्ञान देवी अब इस दुनिया में नहीं रही है। उनका निधन हो गया है।

इस खबर के बाद स्वजन के साथ ही मोहल्ले में मातम छा गया। सूचना पाकर रिश्तेदार एवं सगे संबंधी विनोद के घर पर जुटना शुरू हो गए। देखते ही देखते भीड़ जुट गई। अंतिम संस्कार की तैयारी की जाने लगी। श्मशान घाट में लकड़ियां पहुंचाने की तैयारी कर ली गई। अर्थी भी बना दी गई। एक दो लोगों के आने का इंतजार हो रहा था, तभी बुजुर्ग महिला के शरीर में कुछ हरकत महसूस हुई।

महिला के शरीर में हरकत में आते ही लोग हैरत में पड़ गए। वहीं इस घटना के बाद परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। विनोद का कहना है कि उनकी माता परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव में सबसे बुजुर्ग महिला है। इसलिए इस घटना के बाद पूरा गांव खुशी मना रहा है। अब ज्ञान देवी पहली की तरह ही खा-पी रही हैं और बात कर रही हैं।