नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड की एक निचली अदालत द्वारा जारी समन के संबंध में बालीवुड अभिनेत्री अमीषा पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के मामले में आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने एक्ट्रेस द्वारा दायर याचिका पर झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत दंडनीय अपराधों की कार्यवाही कानून के अनुसार आगे बढ़ाई जानी चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘केवल भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में नोटिस जारी करें। अगले आदेश तक, भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 के तहत कार्यवाही पर रोक रहेगी।’ पीठ ने आगे कहा, ‘हालांकि, हम स्पष्ट करते हैं कि कार्यवाही, जहां तक ​​नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (चेक बाउंस) के तहत दंडनीय अपराधों का संबंध है, उन्हें कानून के अनुसार आगे बढ़ाया जाना चाहिए।’

शीर्ष अदालत का आदेश पटेल द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय के 5 मई, 2022 के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर आया, जिसमें उनके खिलाफ शिकायत के संबंध में रांची की एक निचली अदालत द्वारा आदेश को रद करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

निर्माता अजय कुमार सिंह की शिकायत पर अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 34 और परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराधों का संज्ञान लिया था। शिकायत के अनुसार, सिंह ने ‘देसी मैजिक’ नामक फिल्म के निर्माण के लिए एक्ट्रेस के बैंक खाते में 2.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।

हालांकि, पटेल ने वादे के मुताबिक फिल्म को आगे नहीं बढ़ाया और पैसे भी वापस कर दिए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि सभी आरोपी व्यक्ति विचाराधीन राशि वापस करने के लिए उत्तरदायी हैं।