यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर रूस को तमाम पश्चिमी देशों को तरफ से आर्थिक प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर रूस में कंडोम की मांग पर भी पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी देशों के प्रतिबंध की वजह से रूस में कंडोम के दाम में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन ब्रिटिश कंडोम निर्माता रेकिट, ड्यूरेक्स ने रूस में अपना परिचालन बंद नहीं किया है। रूस के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टोर वाइल्डबेरी के मुताबिक, मार्च के पहले दो हफ्तों में कंडोम की बिक्री सालाना आधार पर 170 फीसदी बढ़ी है।

कंडोम की मांग में उछाल के बाद, रूस की सबसे बड़ी दवा भंडार श्रृंखला में राजस्व में 36।6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। कंडोम की कीमत भी पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी बढ़ी है। इस परिस्थिति के परिणामस्वरूप सुपरमार्केट की बिक्री में 30% की वृद्धि हुई है। आरबीसी के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में फार्मेसी कंडोम की खरीद मूल्य में 32% की वृद्धि हुई, जबकि सुपरमार्केट की बिक्री में 30% की वृद्धि हुई।

प्रीजर्वेटिवनाया की सह मालकिन येसेनिया शामोनिना कहती हैं कि लोग कंडोम भविष्य के लिए खरीद रहे हैं, इस वजह को जानते हैं हम और मजबूरन हमे कंडोम के दाम बढ़ाने पड़े। दरअसल रूसी मुद्रा रूबल की कीमत पश्चिमी देशों की मुद्रा के तुलना में बहुत गिर रही है।

पुतिन सरकार के उद्योग और व्यापार मंत्रिमंडल को इस खबर का खंडन करना पड़ा और कहना पड़ा कि ये समस्याएं लंबे समय तक नहीं चलेंगी। अधिकारियों ने कहा कि कंडोम की कमी की कोई संभावना नहीं है। थाइलैंड, भारत, साउथ कोरिया और चीन कंडोम के सबसे बड़े निर्माता हैं और उन्होंने रूस में कंडोम का निर्यात इन देशों ने नहीं रोका है।

गौरतलब है कि रूस एक वर्ष में 600 मिलियन कंडोम का आयात करता है और 100 मिलियन का उत्पादन करता है। रेकिट कंपनी, रूस में लगभग 1300 लोगों को रोजगार देती है, जो सालाना 400 मिलियन पाउंड की कमाई करते हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, “जैसा कि स्थिति विकसित हो रही है, हम कार्रवाई करना और जवाब देना जारी रखेंगे, हमेशा अपने कर्मचारियों की देखभाल के उचित कर्तव्य के साथ काम करेंगे।”

पश्चिमी बाजारों में प्रतिबंध लगाने वाले लोगों के लिए।
बिजनेस एक्सपर्ट पावेल स्पिचकोव ने कहा कि रूस में कंडोम बाजार का 95% हिस्सा विदेशी कंपनियों के पास है। उन्होंने कहा, ‘एक अंग्रेजी कंपनी रेकिट, जो ड्यूरेक्स, कॉन्टेक्स, हुसार और अन्य ब्रांडों का उत्पादन करती है, इसका 60% से अधिक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना कम है कि रिकेट रूस से बाहर जाए। लेकिन अगर वह ऐसा करती है तो रूस अपना कंडोम का उत्पादन बढ़ा सकता है।