लखनऊ: यूपी विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ आ रहे कांग्रेसियों को हाउस अरेस्ट करने के साथ ही उन्हें जिलों में ही रोक लिया गया। वहीं, लखनऊ पार्टी कार्यालय पर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर ईको गार्डेन भेज दिया गया।

यूपी विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ कूच की तैयारी में लगे कांग्रेस नेताओं को बुधवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ही रोक लिया गया और वरिष्ठ नेताओं को नजर बंद कर दिया गया। वहीं, लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर पहुंचे कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और ईको गार्डेन में जाकर छोड़ दिया। वहीं, जिन नेताओं ने भी विधान भवन पहुंचने का प्रयास किया पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। घेराव करने जा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। धक्कामुक्की के दौरान वो कुछ देर के लिए बेहोश हो गए।

कांग्रेस विधायक व यूपी विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया और प्रदेश की कानून व्यवस्था व किसानों के मुद्दे उठाए। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने विधानसभा में कार्रवाई के दौरान भी सवाल उठाए और कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं को जिलों से प्रदर्शन के लिए लखनऊ नहीं आने दिया जा रहा है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि किसी भी अव्यवस्था को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन काम कर रहा है।

इसके पहले बुधवार सुबह जैसे ही कांग्रेसी नेताओं का लखनऊ पहुंचना शुरू हुआ। उन्हें रोकने के लिए जिलों में कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट किया जा रहा है और जगह-जगह बैरीकेडिंग कर दी गई। लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई। कांग्रेस कार्यालय के बाहर मौजूद नेताओं की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी गई।

इसके पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नुकीली बैरीकेडिंग की गई है। ये ‘भाले’ हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट पहुंचाएंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है। ये सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है। गाजीपुर बॉर्डर पर हमारे कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है लेकिन हम इस सबके बाद भी विधानसभा में प्रवेश करेंगे। इस बीच पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, निवर्तमान प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव, दिनेश सिंह सहित दो दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा है। इन नेताओं के घर पर शाम से ही पुलिस का पहरा लगा दिया है।

पुलिस की ओर से भेजे नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा का तृतीय सत्र चल रहा है। इसमें घेराव से कानून व्यवस्था व विशिष्ट लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये गम्भीर खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए निषेधाज्ञा अन्तर्गत धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता प्रभावी है। ऐसे में कोई घेराव, धरना व शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है तो आपके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के साथ ही कांग्रेस नेताओं और प्रदेश मुख्यालय पर बैरिकेडिंग कर दी गई है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी को देखते हुए विधान सभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है। विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ता लखनऊ पहुंच चुके हैं। वे पुलिस प्रशासन के इस दमनकारी रवैया से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे मोदी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए कांटों की दीवार खड़ी की थी वैसे ही योगी सरकार ने विधानसभा घेरने जाने वाले कांग्रेसजनों की राहों पर कांटे बिछा दिए हैं। किंतु इस कायराना हरकत से हम डरने वाले नहीं हैं। ना ही ये कांटों वाले ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड्स हमारे हौसले और हिम्मत को डिगा पाएंगे। हम इन कांटों को फूल समझकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे। हर हाल में हम विधानसभा का घेराव करके ही रहेंगे। लखनऊ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को गिरफ्तार कर लिया गया है। कांग्रेस नेेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर ईको गार्डेन ले जाया गया।

विधानसभा के घेराव को लेकर कांग्रेसी नेता सुबह से लखनऊ के लिए चल पड़े लेकिन विभिन्न चेकपोस्ट पर पुलिस ने नेताओं की धरपकड़ कराई। विभिन्न थाना क्षेत्रों में कांग्रेसी नेताओं को घर से बाहर से ही पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया। शहर में नगर पालिका अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर को कोतवाली में नजरबंद किया गया। कांग्रेस के तिलक भवन कार्यालय पर ताला लटका रहा जबकि कुछ कांग्रेसी नेता एक दिन पहले ही लखनऊ के लिए निकल गए।