
राजस्थान. राजस्थान में पैदा हुईं स्वाती की पढ़ाई-लिखाई अजमेर में हुई थी. मां चाहती थीं कि बेटी डॉक्टर बने. एक इंटरव्यू में स्वाति बताती हैं कि उन्हें भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन जब वो आठवीं में थी तो उनकी माताजी की एक कजन अधिकारी बनी थीं. स्वाति के पिता से जब वो मिलने आईं तो उनके पिता काफी खुश दिखे. जिसके बाद उन्होंने अपने पापा से यूपीएससी के बारे में पूछा और अफसर बनने की ठान ली.
पिता ने देखा कि स्वाति यूपीएससी की तैयारी का मन बना चुकी है तो उन्होंने भी काफी सपोर्ट किया. स्वाति के परिवार में पहले से भी कई अधिकारी थे. मां पेट्रोल पंप चलाती थीं. पिता स्वाति की लगातार तैयारी करवाते रहे. उन्होंने तैयारी के दौरान कई इंटरव्यू भी लिए.
पिता की ये मेहनत तब रंग लाई जब बेटी 2007 में हुए यूपीएससी एग्जाम में ऑल इंडिया रैंक 260 ले आई. उस बैच की स्वाति सबसे कम उम्र की आईएएस थीं. यूपीएससी निकालने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला.
नौकरी के दौरान स्वाति की छवि एक दबंग अफसर के रूप में रही है. मध्यप्रदेश के मंडला में स्वाति की पोस्टिंग हुई तो वहां खनन माफिया की बहुत पकड़ थी. स्वाति जब वहां पहुंचीं तो उन्होंने इन खनन माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ दी.
वो बताती हैं कि जब वो मंडला में कलेक्टर बनकर पहुंचीं तो खनन माफिया के बारे में कई विभागों से शिकायत मिली थी. जिसके आधार पर उन्होंने कार्रवाई की. इसी तरह खंडवा में भी उनका कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा. मारे गए सिमी आतंकियों का शव जब उनके क्षेत्र में पहुंचा तो उपद्रवी तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन के साथ मिलकर स्वाति मीणा ने ये चुनौतीपूर्ण काम भी आसानी से कर लिया था.
स्वाति मीणा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब दशहरा के समय पुलिस लाइन में हो रहे शस्त्र पूजा में उन्होंने एके-47 से हवाई फायरिंग कर दी थी. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. स्वाति की मां ने उन्हें सिखाया की कितनी भी मुश्किलें आ जाए लेकिन उससे हार नहीं माननी है.
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