दिल्‍ली। कनाडा में फल-फूल रहा गैंगस्टर-खालिस्तानी आतंकियों का नेटवर्क पाकिस्तान से चीन निर्मित हथियार और ड्रोन हासिल करना चाहता है. वो ऐसा न कर पाए इसके लिए कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों ने उनपर कड़ा पहरा लगा दिया है।

दरअसल, कनाडा चीन को सबक सिखाने के लिए उसके चोरी छुपे हथियार और ड्रोन के बाजार को ध्वस्त करना चाहता है. इन ड्रोनों का इस्तेमाल पाकिस्तान समेत दुनिया के कई आतंकी संगठन कर रहे हैं।

कनाडा में रह रहे खालिस्तानी अलगाववादी आतंकियों के ड्रोन-हथियार सप्लाई चेन पर पाबंदी के कदम में उनके फोन काल को मॉनिटर करना, मूवमेंट पर पाबंदी लगाना और वित्तीय लेनदेन पर नजर रखना शामिल है।

पाकिस्तान पहुंच रहे चीन निर्मित हथियारों और ड्रोन को कनाडा में रह रहा खालिस्तानी अलगाववादी आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ भारत में घुसपैठ कराता है. इसकी मदद से वो पंजाब समेत भारत में हत्या और आतंकी साजिश को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं।

चीन को सबक सिखाने की नीयत से कनाडा सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उठाई गई इस सख्ती से कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला गैंग, गुरपतवंत सिंह पन्नू समर्थकों, लखबीर सिंह उर्फ लांडा, गोल्डी बराड़, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा, और रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, के नेटवर्क पर बड़ा झटका लगेगा, जो पाकिस्तान की मदद से भारत में ये चीनी खेप दाखिल करवाते हैं।

गौरतलब है कि समुद्री सीमा को लेकर कनाडा और चीन में इस वक्त बड़ा विवाद चल रहा है। चीन और कनाडा ने एक-दूसरे पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के उल्लंघन और अनावश्यक सैन्य टकराव को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

मामला दक्षिणी चीन सागर से जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर चीन अतिरिक्त संवेदनशील रहा है. इस बड़े समुद्री इलाके को चीन अपना बताता है जबकि इस क्षेत्र के अन्य कई देश उसके दावे को चुनौती देते हैं. कनाडा ने चीन के लड़ाकू विमानों पर दक्षिणी चीन सागर से गुजर रहे उसके हेलीकॉप्टर को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।