ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों पर मोतियाबिंद का गलत उपचार करने का आरोप है। इन्फेक्शन होने की वजह से पीड़ित की दाहिनी आंख निकलवानी पड़ गई। इस मामले में पीड़ित ने न्यायालय उपभोक्ता संरक्षण प्रतितोष आयोग गौतमबुद्ध नगर में परिवाद दायर करने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन को अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा है। इलाज में आए खर्च के साथ कुल 12 लाख रुपये की मांग की है।
मूलरूप से जिला बदायूं निवासी कृष्णपाल सिंह ग्रेनो स्थित एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। वह परिवार के साथ क्षेत्र के हबीबबपुर गांव में किराए पर रहते हैं। कृष्णपाल की दाहिनी आंख से साफ दिखाई नहीं दे रहा था तो परिजनों ने ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित निजी अस्पताल में जांच करवाया। डॉक्टर ने मोतियाबिंद होने की जानकारी देते हुए ऑपरेशन कराने की सलाह दी।
वह ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए। पीड़ित के बेटे योगेश ने बताया कि 6 दिसंबर 2023 को ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। दूसरे दिन 7 दिसंबर को छुट्टी दे दी गई। पीड़ित के हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड से 51.79 हजार रुपये काट लिए गए। आरोप है कि इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने पीड़ित को बुलाकर जांच की तो आंख को ठीक करने में असमर्थता जताई।
इस पर पीड़ित के परिजनों के होश उड़ गए। पीड़ित को राजेश कुमारी सुपरस्पेशलिटी आई अस्पताल दादरी में दिखाया गया तो डॉक्टरों ने बताया कि आंख का गलत ऑपरेशन होने से इन्फेक्शन फैल गया है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर आंख निकलवाने की बात कही। इस पर पीड़ित के बेटे योगेश ने नॉलेज पार्क स्थित अस्पताल के डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने अभद्रता करते हुए उनको भगा दिया। फरीदाबाद के एनआईटी स्थित डॉ़ मेहता आई केयर अस्पताल में ऑपरेशन करके डॉक्टरों ने दाहिनी आंख निकाल दी।