नोएडा। 15 दमकल वाहन, 150 फायरकर्मी बीते 48 घंटे से सेक्टर-32 स्थित सिटी सेंटर के पास खाली डंपिंग ग्राउंड में लगी आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं । करीब 35 लाख लीटर पानी के छिड़काव के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। हालांकि लगातार कोशिश से आग की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। अग्निशमन विभाग की ओर से दो-एक दिन में आग पर पूरी तरह से काबू पाने का दावा किया गया है।
होली के दिन शाम के वक्त सेक्टर-32 स्थित खाली ग्राउंड में आग लग गई थी। आग का धुआं चारो तरफ फैलने से लोग परेशान हो गए थे। अग्निशमन विभाग की टीम तब से लगातार आग बुझाने में जुटी है। बुधवार को भी 15 दमकल वाहन और प्राधिकरण के 20 टैंक की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने कहा कि ग्राउंड को कूड़ों से भरा गया था। कूड़े के कई परतें हैं। इस कारण आग लगातार सुलग रही है। उन्होंने बताया कि आग बुझाने को लेकर लगातार पानी का छिड़काव जारी है।
जांच में गड्ढों में हार्टिकल्चर वेस्ट डाले जाने की बात सामने आई है। इसी वेस्ट में यहां आग लगी है। आग को बुझाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से यहां दस जेसीबी लगाई गई हैं, जिनकी मदद से गड्ढों को खोदा जा रहा है, ताकि आग को अंदर तक बुझाया जा सके। आग बुझाने के लिए 75 अग्निशमनकर्मियों की ड्यूटी दिन और इतने लोगों की ही ड्यूटी रात में लगाई गई है। वहीं पुलिस आग लगाने वाले का पता लगा रही है।
खाली भूखंड पर बगैर अनुमति के हो रही थी कंपोस्टिंग
आग लगने के बाद प्रदूषण की निगरानी शुरू
नोएडा। सेक्टर-32 स्थित सिटी सेंटर के पास खाली डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा इकट्ठा करने और कंपोस्टिंग के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। वही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने भी आग लगने के बाद इलाके में तीन स्थानों से प्रदूषण की निगरानी शुरू कर दी है। तीनों जगह की रिपोर्ट आने के बाद अब नोएडा प्राधिकरण को नोटिस दिया जाएगा। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उत्सव शर्मा ने बताया कि पिछले साल 2022 में भी यहां आग लगी थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि खाली भूखंड पर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी सूखे पत्ते व टहनियां इकट्ठा करते थे। इसके बाद इसकी कंपोस्टिंग प्राकृतिक रूप से कर खाद तैयार की जाती थी। ब्यूरो
इसी जगह पर पिछले साल भी जून में आग लगी थी। तब भी इसे बुझाने में छह दिन लग गए थे। तब भी नोएडा की हवा पर इसका बुरा असर दिखा था।