भिवानी. हरियाणा में तैनात आईपीएस अधिकारी संगीता कालिया की गिनती तेज-तर्रार महिला अधिकारियों में होती है। उनके पिता पुलिस विभाग में कारपेंटर थे। वह छह नौकरियां छोड़कर आईपीएस बनीं। एसपी पद पर रहते हुए बीजेपी मंत्री से भिड़ी और सजा भुगती। जानिए कौन है ये तेजतर्रार अफसर।

हम बात कर रहे हैं, उस महिला एसपी की जो मीटिंग में मंत्री अनिल विज से भिड़ गई थीं और फिर उनकी तबादला कर दिया गया था। याद आ गई होंगी, नहीं आई तो हम बात देते हैं। ये हैं एसपी संगीता कालिया, जो अब रेवाड़ी की बजाय पानीपत की पुलिस अधीक्षक होंगी। मंगलवार देर शाम कालिया का पानीपत तबादला किया गया।

संगीता वही एसपी हैं, जिनकी 27 नवंबर 2015 को फतेहाबाद में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बहस हो गई थी। उस समय अनिल विज वहां के कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष थे। एक शिकायत की सुनवाई के दौरान विज ने कालिया को गेट आउट कह दिया था। कालिया बाहर नहीं गई तो विज को खुद बैठक छोड़नी पड़ी थी। बाद में कालिया का तबादला कर दिया गया था।

बता दें कि वही दौर फिर लौट आया है। एसपी कालिया एक बार फिर अनिल विज के सामनें होंगी, क्योंकि मंत्री इस समय पानीपत कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष हैं। ऐसे में वे फिर मंत्री अनिल विज के साथ बैठेंगी और उनके सवालों का सामना करेंगी। 27 अप्रैल को कष्ट निवारण समिति की बैठक होनी है। उससे पहले अगर एसपी यहां ज्वॉइन कर लेती हैं और बैठक में मंत्री आते हैं तो फिर से दोनों का आमना सामना होगा।

ईपीएस संगीता कालिया के पिता धर्मपाल फतेहाबाद पुलिस में पेंटर थे और 2010 में वहां से रिटायर हुए। संगीता ने अपनी पढ़ाई भिवानी से की और 2005 में पहली यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन 2009 में तीसरे प्रयास में परीक्षा पास हुई। संगीता कालिया के मुताबिक, उन्हें पुलिस में आने की प्रेरणा उड़ान सीरियल देख कर और उनके पिता से मिली है। उनके पति विवेक कालिया भी हरियाणा में एचसीएस हैं।

संगीता कालिया वो शख्सियत है, जो छह नौकरियों के ऑफर को छोड़कर पुलिस विभाग में आईं हैं। भिवानी जिले के एक साधारण परिवार में जन्मी। कुछ अलग करने का सपना देखा और उसे पूरा किया। वर्दी पहनते हुए कसम खाई थी कि इसकी आन-बान पर कोई दाग नहीं लगने दूंगी और इसी काम को मैंने हरेक पोस्टिंग पर करने की कोशिश की है। मैंने न तो कभी झूठ का सहारा लिया और न ही लूंगी।

बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि जिस पुलिस विभाग में उसके पिता कारपेंटर हुआ करते थे, उसी विभाग में बतौर एसपी उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी। पिता धर्मपाल जिस वर्ष में पुलिस विभाग से रिटायर हुए, उसी वर्ष 2010 में हरियाणा पुलिस में संगीता कालिया ने आईपीएस के पद पर ज्वाइन किया। बेहद ईमानदारी अफसर मानी जाती हैं और मंत्री विज से विवाद को लेकर सुर्खियों में आई थीं।

संगीता ने साल 2005 में सिविल सर्विसेज का पेपर दिया, लेकिन वे सफल नहीं हुई। रेलवे में नौकरी मिली, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं की। 2009 बैच में तीसरे प्रयास में IPS में सिलेक्ट संगीता लिटरेचर और म्यूजिक में भी दिलचस्पी रखती हैं। रोजाना 15 घंटे काम करती हैं। फतेहाबाद में महिला थाना की बिल्डिंग बनवाने का श्रेय भी एसपी संगीता कालिया को ही जाता है। इसके अलावा कई ब्लाइंड मर्डर केस भी उनके नेतृत्व में फतेहाबाद पुलिस ने सुलझाएं हैं।

आईपीएस संगीता कालिया मूलरूप से भिवानी जिले की रहने वाली हैं। फतेहाबाद के बाद उनका तबादला रेवाड़ी किया गया। उसके बाद कुछ समय तक भिवानी व पानीपत में रहीं। अब वह रेलवे में एसपी के तौर पर कार्यरत हैं