बरेली। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा हो गए हैं। बुधवार सुबह जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। इसके बाद वह अपने जौनपुर के लिए रवाना हो गए। आपको बता दें कि रिहाई का परवाना लेकर जौनपुर जेल से स्पेशल मैसेंजर बरेली सेंट्रल जेल के लिए रवाना हुए थे। बुधवार सुबह उनकी जेल में रिहाई हो गई। शनिवार से जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था। धनंजय सिंह को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था। उसी दिन धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
धनजंय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर से बसपा की लोकसभा प्रत्याशी हैं और उन्हें एक मई को नामांकन दाखिल करना था। धनंजय की रिहाई में देरी की वजह से श्रीकला अब चार मई को नामांकन करेंगी। धनंजय सिंह को अपहरण व रंगदारी के मामले में सात मार्च को सजा सुनाई गई थी। उस मामले में वादी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत दो के खिलाफ अपहरण व रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
पुलिस ने विवेचना करके तीन माह के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट ने दो अप्रैल 2022 को धनंजय व सहयोगी पर आरोप तय किया था। इसके बाद 130 तारीखों की सुनवाई के बाद पांच मार्च 2023 को धनंजय समेत दो को दोषी पाया गया। इसके बाद सात मार्च 2024 को सजा सुनाई गई। 27 अप्रैल को शासन के आदेश पर जौनपुर पुलिस ने धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट किया था। इस बीच उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। मंगलवार को जौनपुर जिला जेल के अधीक्षक एसके पांडेय ने रिहाई का परवाना रेडियो मैसेंजर के जरिए बरेली सेंट्रल जेल को भेज दिया गया था। बुधवार सुबह ही धनंजय सिंह को जेल से रिहा कर दिया गया।