ये कहानी है सेंट्रल जिम्बाब्वे के रिसेन सेंटस चर्च में काम करने वाले मार्क मुराड़जीरा की. दरअसल, मार्क को विश्वास था, कि यदि वह तप करेगा, तो भगवान उसे दर्शन देंगे. इसके बाद वो भगवान से अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट करने के लिए लेम्बोर्गिनी कार मांग लेगा. इस विश्वास के साथ उसने 40 दिन तक व्रत करने का निश्चिय लिया और खाने के लिए उसका जी नहीं ललचाए, इसलिए वह दूर पहाड़ी इलाके में चला गया था.
खबर के मुताबिक मार्क का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था. उसे आखिरी बार देखने वालों ने बताया कि उसने कई लोगों से कहा था कि भगवान उसे लेम्बोर्गिनी कार देने वाले हैं. इसके लिए उसे आइडिया मिल गया है. 40 दिन और 40 रात का उपवास करने से वह भगवान को प्रसन्न कर लेगा और भगवान से लेम्बोर्गिनी कार मांग लेगा.
मार्क की 33वें दिन तलाश की जा सकी. 27 वर्षीय मार्क बेहद कमजोर हो चुका था. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. चर्च के बिशप मावरु ने कहा कि “उसे कम से कम नौकरी के लिए उपवास करना चाहिए था, क्योंकि वह बेरोजगार है.“ हालांकि मार्क के साथियों ने उसके सहयोग के लिए कुछ धन जुटाया था, जो उसके बीमार होने पर उसकी दवा में खर्च हो रहा है.
हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि मार्क पानी और भोजन के बिना कितने समय तक रहा. एक इंसान सैद्धांतिक रूप से बिना भोजन के तीन सप्ताह तक जीवित रह सकता है. पानी के बिना तीन या चार दिनों से अधिक समय तक रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और एक सप्ताह शायद अधिक है.