लखनऊ : यूपी में एक बार फिर से सरकारी नौकरी का मौका बन रहा है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा कनिष्ठ सहायक के पदों पर सीधी भर्ती का मौका है।

प्रदेश में 70 विभागों में कनिष्ठ सहायक के 2702 पदों पर भर्ती होगी। भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन व शुल्क जमा करने की प्रक्रिया 23 दिसंबर से शुरू होगी और 22 जनवरी तक चलेगी। जबकि शुल्क समायोजन व आवेदन में संशोधन की अंतिम तिथि 29 जनवरी तय की गई है अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने मंगलवार को इसका विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।

कनिष्ठ सहायक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को उनकी प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी)- 2023 के स्कोर के आधार पर शार्ट लिस्ट किया जाएगा। इसके लिए आवेदन सिर्फ ऑनलाइन होंगे। अभ्यर्थी अपने पीईटी रजिस्ट्रेशन नंबर से भी अपना आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उनके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा और उन्हें अतिरिक्त सूचनाएं नहीं भरनी होंगी। भर्ती के लिए 100 नंबर की लिखित परीक्षा होगी। इसमें माइनस मार्किंग भी लागू होगी।

आयोग के सचिव अवनीश सक्सेना ने बताया कि आरक्षण, आयु सीमा में छूट, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवेदक अभ्यर्थी, निर्धारित समय पर अपने आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। आवेदन के लिए सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को मात्र 25 रुपये आवेदन शुल्क ऑनलाइन देना है। वहीं मुख्य परीक्षा के लिए शार्ट लिस्ट किए गए अभ्यर्थियों को इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा।

सचिव ने कहा कि अभ्यर्थी पूरी तरह भरे हुए आवेदन पत्र का प्रिंट आउट निकालकर रख लें। इसे आयोग में निर्धारित समय पर दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि आयोग की वेबसाइट पर जारी सूचना में सभी आवश्यक सूचनाएं दी गई हैं। अभ्यर्थी इसे ठीक से पढ़कर, उसके बाद ही आवेदन करें। साथ ही आवश्यक दस्तावेज भी निर्धारित समय से प्राप्त कर लें। उन्होंने बताया कि इसी के साथ लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थी इसके अनुसार तैयारी कर सकते हैं।

आयोग ने शासन के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार दिव्यांगजन को समूह क, ख, ग व घ में चार फीसदी क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पदों का पुर्नचिन्हांकन किया गया है। दिव्यांग अभ्यर्थी अपनी श्रेणी के आवेदन आवेदन पत्र में दिव्यांगता की श्रेणी व उपश्रेणी को चिह्नित करते हुए अपडेट करें। दिव्यांगता में दृष्टिहीनता, कम दृष्टि, बधिर, श्रवण शक्ति में ह्रास, एक हाथ प्रभावित, एक पैर प्रभावित, दोनों पैर प्रभावित, प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, एसिड अटैक प्रभावित, पेशीय दुष्कोषण, बहुदिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, दोनों हाथ प्रभावित शामिल हैं।