सहारनपुर। सहारनपुर जनपद के कलसिया रोड के निवासी जयनाथ शर्मा बताते हैं कि बिजनौर के रहने वाले सुंदरलाल 1952 से 1977 तक लगातार हरिद्वार और सहारनपुर सीट पर कांग्रेस से सांसद रहे हैं। इसके बाद वह 1984 में हरिद्वार सीट से सांसद बने। यह मामला साल 1985 का है।

सांसद सुंदरलाल सैनी और अन्य पदाधिकारी दिल्ली वीपी हाउस में बैठे हुए थे। तभी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष महावीर प्रसाद वहां आए। उन्होंने सांसद सुंदरलाल को कहा कि प्रधानमंत्री जी बुला रहे हैं आपके साथ लंच करना है। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। इस पर सांसद ने बड़ी विनम्रता से कहा कि आज वह लंच पर नहीं आ सकते। कल आ जाएंगे। अगले दिन मिलने पहुंचे तो प्रधानमंत्री ने उन्हें ऑफर दिया कि आपको एक अहम मंत्रालय सौंप रहे हैं।

इस पर सुंदरलाल ने स्पष्ट कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, उन्हें मंत्री नहीं बनना है। लगे हाथ सिफारिश की दी कि आप शाहजहांपुर से सांसद कुंवर जितेंद्र प्रसाद को ऑल इंडिया कांग्रेस में जनरल सेक्रेटरी बना दीजिए। जिस पर प्रधानमंत्री ने तुरंत हामी भर दी थी। 1987 में सांसद सुंदरलाल का निधन हो गया था।

जयनाथ शर्मा बताते हैं कि सांसद सुंदरलाल अविवाहित थे। जो देहरादून में अपने अन्य परिजनों के साथ रहते थे। वह जब भी अपने लोकसभा क्षेत्र में आते थे तो अक्सर लोगों से कहते थे कि यह मेरे घर का पता है। अगर मैं मिल भी न पाऊं तो इस पते पर चिट्टी भेज देना। समस्या का समाधान होते ही मैं खुद आपको चिट्टी भेजकर अवगत करा दूंगा।