नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर हुईं याचिकाओं पर सुनवाई होगी। सीएए के खिलाफ 200 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका को लेकर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पी के कुन्हालिकुट्टी ने बताया कि ‘इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हमारी शीर्ष याचिका है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी होने से कुछ समय पहले ही ऐसे नियम क्यों जारी किए…मामला अभी कोर्ट में लंबित है, लेकिन सरकार नागरिकता कानून पर आगे बढ़ गई। सरकार ने ऐसा क्यों किया? हम इसी मामले को कोर्ट में उठा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमें राहत जरूर मिलेगी। हम सीएए के विरोध में नहीं हैं। नागरिकता सिर्फ कुछ वर्गों को ही नहीं बल्कि सभी को मिलनी चाहिए।’
गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलकर भारत आने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत सिर्फ हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों को ही नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। मुस्लिम वर्ग के शरणार्थियों को इससे बाहर रखा गया है।
मुस्लिमों को कानून से बाहर रखने के फैसले का ही विरोध हो रहा है। कानून का विरोध करने वाले लोगों का आरोप है कि इस कानून का आधार धर्म है, जो कि देश के संविधान के खिलाफ है।