भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान- 3 के लॉन्‍च से लेकर चंद्रमा की सतह पर लैंड‍िंग के 40 द‍िन के महत्वपूर्ण चरण में से 27 द‍िन में पूरे हो गए हैं. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया क‍ि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा.

सात अगस्त को इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा. प्रक्षेपण यान मार्क-3 रॉकेट से 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया. चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर (किमी) दीर्घवृत्ताकार कक्षा में मौजूद है और इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए नौ से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं किये जाने की जरूरत है. विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर 23 अगस्त को उतरने की उम्मीद है.

छह अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के एक दिन बाद इसरो ने एक वीडियो जारी किया. अंतरिक्ष एजेंसी ने वीडियो को कैप्शन के साथ जारी किया, चंद्रयान -3 मिशन : चंद्रमा, जैसा कि चंद्रयान -3 द्वारा चंद्र कक्षा में प्रवेश के दौरान देखा गया. वीडियो में दिख रहा है कि चंद्रमा पर नीले हरे रंग के कई गड्ढे हैं.

25 जुलाई को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठाने की पांचवें चरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली. इस तरह की प्रत्येक प्रक्रिया का मतलब है कि यान पृथ्वी की कक्षा से आगे निकल रहा है और चंद्रमा की कक्षा के करीब पहुंच रहा है. इसरो ने बताया था क‍ि यान के 127609 किलोमीटर X 236 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा.

पांच अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया. इसरो ने बताया क‍ि एमओएक्स, आईएसटीआरएसी, यह चंद्रयान-3 है. मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं.
एक अगस्त को चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया और अब चंद्रमा की ओर बढ़ा. चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर ‘ट्रांसलूनर’ कक्षा में चला गया.

20 जुलाई को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में ऊपर उठाने की चौथी कवायद सफलतापूर्वक पूरी की थी. यह कार्य यहां इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) से किया गया. इसरो ने कहा था कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय चंद्रमा दिवस के अवसर पर चंद्रयान-3 को चंद्रमा के और करीब पहुंचा दिया.

18 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की कक्षा उन्नयन की तीसरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया. तीसरी कक्षा उन्नयन प्रक्रिया आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमान नेटवर्क)/इसरो, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई.

17 जुलाई को इसरो ने चंद्रयान-3 के ऊपरी कक्षा में पहुंचने की दूसरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरा क‍िया. इसरो ने बताया था क‍ि अंतरिक्ष यान अब 41603 किलोमीटर X (गुणा) 226 किलोमीटर की कक्षा में है.

15 जुलाई को अंतरिक्ष यान चंद्रयान-3 ने प्रथम कवायद को सफलतापूर्वक पूरा क‍ियाा था. इसरो ने बताया क‍ि चंद्रयान-3 मिशन अद्यतन जानकारी: अंतरिक्ष यान की हालत सामान्य है. अंतरिक्ष यान प्रथम कवायद के बाद अब 41762 किलोमीटर (किमी) गुना 173 किमी कक्षा में था.

14 जुलाई को इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया. अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से दोपहर 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ.