चंडीगढ़ : यदि रुझान परिणाम में बदले तो भाजपा इतिहास रच देगी। हरियाणा में आज तक किसी भी पार्टी ने तीसरी बार सरकार नहीं बनाई है। एग्जिट पोल से उत्साहित कांग्रेस को रुझानों से तगड़ा झटका लगा है।
हरियाणा में बड़े उलटफेर की आहट हो गई है। अभी तक के रुझानों में भाजपा तीसरी बार बहुमत से सरकार बना रही हैं। यदि रुझान परिणाम में बदले तो भाजपा इतिहास रच देगी। हरियाणा में आज तक किसी भी पार्टी ने तीसरी बार सरकार नहीं बनाई है। एग्जिट पोल से उत्साहित कांग्रेस को रुझानों से तगड़ा झटका लगा है। जानिए हरियाणा में कैसे माहाैल बदला।
कांग्रेस ने इस बार बेरोजगारी का मुद्दा काफी प्रमुखता से उठाया था। वहीं भाजपा पर्ची-खर्ची के मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में उतरी थी। भाजपा प्रचार के दौरान दावा करती आई थी कि हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 85 हजार सरकारी नौकरियां दी थी, जबकि भाजपा सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस से दो गुनी एक लाख 47 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं। भाजपा ने बिना पर्ची-बिना खर्ची नौकरी देने का चुनावी नारा भी दिया। वहीं, कांग्रेस ने बेरोजगारी के ही मुद्दे को उठाकर युवाओं से वोट मांगे। राज्य में 18 से 39 साल के युवाओं के करीब 94 लाख मतदाता हैं। विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा का पर्ची खर्ची वाला मुद्दा युवाओं को भेद गया।
वहीं इस उलटफेर के पीछे का कारण गैर जाट वोटों के ध्रुवीकरण को भी माना जा रहा है। चुनावी माहिरों के अनुसार, इस बार एक बिरादरी के खिलाफ एकजुटता हुई है। वही एकजुटता वोटों में बदल सकती है।
अगर हरियाणा का चुनाव भाजपा जीत जाती है तो उसमें कांग्रेसियों के बड़बोलेपन का भी योगदान होगा। जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट ने कहा था कि हाथ कांग्रेस का, थप्पड़ का काम करेगा। वहीं असंध के कांग्रेस उम्मीदवार शमशेर गोगी ने कहा था कि कांग्रेस जीतती है तो पहले अपना घर भरेंगे।
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के बारे में तथाकथित भूपेंद्र हुड्डा समर्थक की अभद्र टिप्पणी ने एक खास वर्ग को नाराज किया। खुद कुमारी सैलजा ने करीब 12 दिनों तक चुप्पी साधे रखी। इस मुद्दे को भाजपा ने दलित अपमान से जोड़ा और खूब भुनाया। बाद में राहुल गांधी के साथ उन्होंने मंच साझा किया। वे खुद को सीएम पद का प्रबल दावेदार बता चुकी हैं।