नई दिल्ली।  कई बार गलती से बैंक या किसी व्यक्ति द्वारा गलत बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं। ऐसे में कई बार लोग पैसे वापस करने से मना कर देते हैं। अब सवाल है कि क्या बैंक के पास गलत खाते में गए पैसे को वापस लेने का कानूनी अधिकार है? अगर खाताधारक ने पूरे पैसे खर्च कर दिए, तो क्या होगा?

अगर किसी के खाते में गलती से पैसा चला जाता है, तो ऐसा नहीं कि वह उस पैसे का मालिक हो जाएगा। कानून के मुताबिक, व्यक्ति पैसे को वापस के लिए जिम्मेदार है। अगर कोई पैसा वापस नहीं करता है, तो उसके खिलाफ बैंक भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत मामला दर्ज करा सकता है। दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।

अगर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के पैसे थोड़े समय के लिए अधिकार मिलने पर गलता इस्तेमाल करता है, प्रापर्टी या पैसे को खर्च कर देता है, गलत तरीके से अपने नाम करा लेता है, तो उसके खिलाफ IPC की धारा 406 के तहत कार्रवाई की जाती है। बैंक अकाउंट में गलती से आए पैसे को न वापस करने पर ही इस धारा के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

इसके अलावा धारा 406 के साथ ही सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 34 और 36 के तहत पैसे की रिकवरी का केस भी दर्ज कराया जा सकता है। कोर्ट उस व्यक्ति को IPC के सेक्शन 406 के तहत सजा सुना देगी। इसके बाद सिविल प्रोसिजर कोर्ट में रिकवरी सूट फाइल करना पड़ता है। इसके बाद कोर्ट आरोपी की हर तरह की प्रॉपर्टी देखेगा, उसे जब्त करेगी और फिर उस प्रॉपर्टी के जरिए पैसों की रिकवरी होगी।