मुरादाबाद. योगी सरकार में बुलडोजर (बैकहो लोडर का इस्तेमाल अपराधी व अतिक्रमणकारियों के खिलाफ किया जा रहा है, लेकिन बिलारी के एसडीएम घनश्याम वर्मा ने फर्नीचर के 2.68 लाख रुपये मांगने पर कारोबारी का घर गिराने बुलडोजर भेज दिया। कारोबारी का आरोप है कि उसने एसडीएम की बेटी हरदोई की डिप्टी जेलर अलका के घर भी फर्नीचर पहुंचाया है। इधर, कमिश्नर के निर्देश पर एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने जांच शुरू कर दी है। एसडीएम से स्पष्टीकरण तलब किया है।
बिलारी के स्टेशन रोड श्योंडारा हाउस निवासी जाहिद अहमद के घर के पास ही आशीर्वाद फर्नीचर के नाम से शोरूम हैं। जाहिद का कहना है कि वह जनवरी,2022 में एसडीएम के पास धान क्रय केंद्र पर तौल न होने की शिकायत लेकर गए थे। इसका निस्तारण होने के कुछ दिन बाद एसडीएम उनके शोरूम पर बेड, सोफा, मेज और कुर्सी देखने आए। उन्होंने 1.48 लाख रुपये का फर्नीचर पसंद किया। फर्नीचर उनके बिलारी व मुरादाबाद आवास पर भिजवाने के बाद बिल भी उन्हें भेज दिया। इसके बाद तीन जुलाई को एसडीएम ने फिर आकर दीवान व सोफा आदि सहित कुल 1.19 लाख रुपये का फर्नीचर पसंद किया। उनके कहने पर पांच जुलाई, 2022 को फर्नीचर उनकी बेटी हरदोई में डिप्टी जेलर अलका वर्मा के आवास पर पहुंचा दिया। बिल लेकर जब वह एसडीएम के पास गए तो उन्होंने बर्बाद करने की धमकी दे डाली। इसकी शिकायत कारोबारी ने कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह व डीएम शैलेद्र कुमार सिंह से की।
कमिश्नर ने डीएम को जांच के निर्देश दिए। 12 जुलाई की शाम एसडीएम ने तहसीलदार को कारोबारी का घर गिराने के लिए बुलडोजर के साथ भेज दिया और एक दीवार गिरा भी दी। कारोबारी के फोन करने पर अधिकारियों ने कार्रवाई रुकवा दी । इधर, एसडीएम के खिलाफ कोई कार्रवाई न होती देख कारोबारी ने सीएम पोर्टल के साथ गुरुवार को एसएसपी कार्यालय में सीओ हाईवे को भी शिकायती पत्र दिया। कारोबारी ने बुलडोजर से दीवार गिराने व फर्नीचर घर पर वाहन से उतरवाने की फोटो भी अधिकारियों को उपलब्ध कराई हैं। इधर, अधिकारियों के बीच यह भी चर्चा है कि एसडीएम ने एक काम करने के एवज में फर्नीचर लिया था, लेकिन वह काम नहीं कर सके। कारोबारी का आरोप है कि एसडीएम उनकी गाड़ी से नैनीताल भी गए थे। एसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि एसडीएम बिलारी के खिलाफ शिकायती पत्र मिला है। इसकी जांच कराई जाएगी।
कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि पास साक्ष्यों के साथ शिकायत आई थी। जिलाधिकारी को इस प्रकरण में उच्च अधिकारी से जांच कराकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। अभी जांच चल रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई होगी।
बिलारी के फर्नीचर कारोबारी जाहिद की शिकायत को दबाने का भी प्रयास किया गया। पीड़ित पर भी शिकायत न करने के लिए दबाव बनाया गया। छह दिन से अधिकारी आदेश-आदेश ही खेलते रहे। गुरुवार को सीएम पोर्टल पर शिकायत होने के बाद जांच को गति देने को मजबूर होना पड़ा। कारोबारी ने छह दिन पहले भी अधिकारियों को अपनी पीड़ा से अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्र्वाई नहीं की गई। बुल़़डोजर से उसका आवास ध्वस्त करने के प्रयास की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों से कार्रवाई तो रुकवा दी, लेकिन वास्तविकता जानने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। सूत्रों का कहना है एक उच्चाधिकारी इसे मामले को दबाना चाहते थे। कार्रवाई न होने की वजह से जाहिद को गुरुवार को एसएसपी के कार्यालय में जाना पड़ा। काबिलेगौर है कि एसडीएम ने करीब तीन माह पहले राशन डीलर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से अभद्र भाषा में बात करते हुए डंडा लेकर दौड़ा लिया था। उस दौरान उनके व्यवहार को लेकर आलोचना की गई थी। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने एडीएम प्रशासन को जांच के आदेश दिए थे। स्पष्टीकरण लेने के बाद कार्रवाई होती भी नजर नहीं आई।
पीड़ित जाहिद ने बताया कि शिकायत करने के बाद एक दिन बाद ही एसडीएम का एक चपरासी उनके घर पर आया था। उसने धमकी देते हुए कहा कि खामोश हो जाओ, नहीं तो बर्बाद कर दिए जाओगे। इस बात को सुनने के बाद पीड़ित ने कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे। एसडीएम के खिलाफ कानूनी लड़ाई होगी। इस जवाब के सुनने के कुछ देर बाद ही घर गिराने का नोटिस जाहिद को मिल गया था।
अधिकारियों के बीच यह भी चर्चा है कि एसडीएम ने एक काम करने के एवज में फर्नीचर लिया था, लेकिन वह काम नहीं कर सके। इस वजह से मामला बिगड़ गया। कारोबारी का आरोप है कि एसडीएम उनकी गाड़ी से नैनीताल भी गए थे। इधर, कमिश्नर के निर् र्डीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने जांच भी शुरू कर दी है। उन्होंने एसडीएम से स्पष्टीकरण तलब किया है। एसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि एसडीएम बिलारी के खिलाफ शिकायती पत्र मिला है। इसकी जांच करायी जाएगी।