शामली। जिले के गांव लिसाढ़ में मानक के अनुरूप भूमि उपलब्ध न होने से औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना अधर में लटक गई थी। पांच दिसंबर को विधानसभा के अनुपूरक बजट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा से जिले में औद्योगिक पार्क विकसित होने की उम्मीदें लगीं हैं।
जिले में कंडेला और खेड़ी करमू में औद्योगिक क्षेत्र सालों से विकसित है। कंडेला और करमूखेड़ी में 150 औद्योगिक इकाई विकसित हैं। वर्ष 2017 में भाजपा विधायक तेजेंद्र निर्वाल ने लिसाढ़ में औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई। जिला प्रशासन की ओर से लिसाढ़ गांव में 20 एकड़ भूमि की तलाश की गई, किंतु औद्योगिक पार्क के लिए मानक के अनुरूप भूमि न मिल पाने से औद्योगिक पार्क की योजना अधर में लटक गई थी। पांच दिसंबर को विधानसभा के अनुपूरक बजट के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने हर जिले में औद्योगिक पार्क विकसित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिले में औद्योगिक पार्क की उम्मीद बन गई है।
शामली। जिला उद्योग केंद्र के सहायक निदेशक डाक्टर बनवारी लाल ने बताया कि शामली जिले में कैमिकल, पेपर मिल, ओडीओपी में शामिल औद्योगिक इकाईयां विकसित हुई है। यहां पर नए औद्योगिक इकाई विकसित होने की संभावना बढ़ी है। नई औद्योगिक इकाइयां विकसित होने से मजदूरों को रोजगार मिलेगा। उनका कहना है कि नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए यूपी सीडा को बीस एकड़ भूमि नि:शुल्क उपलब्ध करानी होगी। भूमि उपलब्ध होने के बाद उत्तर प्रदेश शासन उद्यमियों को मूलभूत सुविधा जैसे सीवरेज प्लांट, बैंक से ऋण में सुविधा, स्टांप ड्यूटी में छूट उपलब्ध कराएगी। औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए उद्यमियों को ब्याज रहित सब्सिडी मिलेगी।
शामली। आईआईए के चेयरमैन अनुज गर्ग का कहना है कि नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए प्राइवेट व्यक्ति एसोसिएशन बनाकर अपनी भूमि में औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकता है। शासन स्तर उद्यमियों को जल्द भूमि उपलब्ध हो जाएगी। औद्योगिक आस्थान विकसित होने से मजदूरों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। औद्योगिक आस्थान के लिए प्राइवेट भूमि स्वामी की भूमि उपलब्ध होने की कीमत बढ़ जाएगी। आईआईए के संरक्षक अशोक बंसल का कहना है कि औद्योगिक पार्क के लिए भूमि उपलब्ध हो जाए तो दूसरे प्रांतों से भी बड़े उद्योग आने की संभावना है। उद्योगों के लिए भूमि उपलब्ध होना कठिन हो रहा है। उद्योगों को विकसित करने के के लिए सरकार को जिले को एनसीआर से बाहर करना होगा।