नई दिल्ली. देश की राजनीति में आम आदमी पार्टी तेजी से उभरती हुई दिख रही है। दिल्ली और पंजाब में जीत के बाद सोमवार को आए एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम के चुनावों में जीत की तरफ बढ़ती दिख रही है। इसके साथ ही कई एग्जिट पोल ये भी अनुमान लगा रहे हैं कि गुजरात में भी आम आदमी पार्टी का खाता खुल सकता है।
अगर सभी एग्जिट पोल का औसत निकाला जाए तो भी गुजरात में आम आदमी पार्टी के आठ सीटें जीतने का अनुमान है। ऐसे में भले ही गुजरात में सरकार बनाने का सपना आप का टूट जाएगा, लेकिन इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल की पार्टी के लिए ये बड़ी सफलता माना जाएगा। फिर आठ के बदले सिर्फ दो सीटें ही क्यों न आम आदमी पार्टी को मिले। आइए जानते हैं कैसे…?
दरअसल दिल्ली और पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर तेजी से बढ़ चुकी है। पिछले कई राज्यों के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इसके लिए कोशिश भी की। हालांकि, तब फायदा नहीं मिल पाया था। अब गुजरात के एग्जिट पोल इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी को ‘राष्ट्रीय राजनीतिक दल’ का दर्जा मिल सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह कहते हैं, ‘राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्ते होती हैं। इन शर्तों को पूरा करने पर कोई भी पार्टी राष्ट्रीय हो सकती है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में काफी शानदार प्रदर्शन किया है। अब एग्जिट पोल के अनुमान बताते हैं कि गुजरात में भी आप को कुछ सीटें मिल सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो आप उन शर्तों को पूरा कर लेगी।’
उन्होंने बताया, ‘मौजूदा वक्त में दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। गोवा विधानसभा चुनाव में भी कुल वोट का 6.8 फीसदी हिस्सा आम आदमी पार्टी को मिला था। यहां आप के दो प्रत्याशियों की जीत हुई थी। अगस्त महीने में ही चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक आप गोवा में भी एक मान्यता प्राप्त पार्टी बन गई है। ऐसे में केजरीवाल की पार्टी को एक और राज्य में मान्यता मिल जाती है तो आधिकारिक तौर पर उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने में कामयाबी मिलेगी। गुजरात में अगर आम आदमी पार्टी दो से अधिक सीटें जीत लेती है तो वो राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है।’
चार लोकसभा सीटों के अलावा कोई पार्टी लोकसभा में छह फीसदी वोट हासिल करे या विधानसभा चुनावों में कम से कम चार या इससे अधिक राज्यों में छह फीसदी वोट जुटाए।
कोई पार्टी चार या इससे अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखे। साल 2019 में एनपीपी को इसी शर्त के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा मिला था। अब अनुमान है कि गुजरात के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी भी इसी शर्त को पूरा कर लेगी।
इन शर्तों में जो पार्टी एक भी शर्त पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।
1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
2. कांग्रेस
3. बहुजन समाज पार्टी (बीएससी)
4. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)
5. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया
6. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)
7. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)
8. नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं। एनपीपी भारत की सबसे नई राष्ट्रीय पार्टी है। इस दल को साल 2019 में राष्ट्रीय दल की मान्यता हासिल की।