बिजनौर/नूरपुर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पारुल जैन ने नाबालिग दलित लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाते हुए हिृदेश उर्फ हृदयराम को आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से साढ़े 22 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा पीड़िता को एक लाख रुपये देने की संतुति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से की है।

शासकीय अधिवक्ता भालेंद्र सिंह राठौर के अनुसार थाना नूरपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी दलित ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 10 जुलाई 2019 को हृदेश उर्फ हृदयराम पुत्र आशाराम निवासी गांव धामाचोरी थाना ललिया जनपद बलरामपुर उसकी नाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर ले गया। हृदयराम उसी गांव में नौकरी करता था। 15 दिन पहले उसकी छुट्टी कर घर जाने को कह दिया था। पुलिस छानबीन के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर नाबालिग लड़की को बरामद कर जिला महिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया।

विवेचना के आधार पर दुष्कर्म और पॉक्सो एवं दलित एक्ट की धाराओं में न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। शुक्रवार को न्यायालय द्वारा इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने पर आरोपी हृदेश उर्फ हृदयराम को आईपीसी की धारा 363/376 व धारा 3(2) 5 एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।