मेरठ. बिजनौर के गांव फरीदपुर निवासी रजत कुमार बिना खरीदे ही कार के मालिक बन गए। आरोप है कि जीजा के साथी सिक्योरिटी गार्ड ने रजत के फर्जी कागजात बनवाकर अपनी कार उनके नाम करा दी। कार मालिक बनने के बाद रजत को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना बंद हो गया। सिक्योरिटी गार्ड और उसके साथी पर धोखाधड़ी और एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ है।
दरअसल, रेलवे रोड साबुन गोदाम निवासी सिक्योरिटी गार्ड सुनील शर्मा की कार 15 साल से ज्यादा पुरानी है। परिवहन नियमों के अनुसार दिल्ली में इस कार के संचालन पर रोक लगा दी गई। तभी सुनील ने अपने साथी रामबीर से संपर्क किया। रामबीर ने बताया कि उसका साला रजत मेरठ के रेलवे रोड स्थित विमलश्री अस्पताल में काम करता है। इस कार को उसके नाम पर पंजीकृत कराने के बाद इसे यूपी में चलाया जा सकेगा।
आरोप है कि सुनील शर्मा ने अपने साथी साबुन गोदाम निवासी श्याम सुंदर शर्मा के साथ मिलकर रजत के फर्जी आधार कार्ड और अन्य कागजात बनवाए। पैन कार्ड भी जारी करा लिया। पैन कार्ड जारी होने के कारण रजत को बीपीएल श्रेणी में मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद हो गईं। उसका बीपीएल कार्ड बना हुआ था। रजत ने एसएसपी से मामले की शिकायत की। एएसपी चंद्रकांत मीणा ने जांच की तो सामने आया कि जीजा रामबीर की शह पर रजत के फर्जी कागजात बनवाकर सुनील की कार को उसके नाम करा दिया गया। पुलिस ने रजत की तहरीर पर सुनील और श्याम सुंदर शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागजात तैयार करने और जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का मुकदमा दर्ज किया है।
रजत के अधिवक्ता शिवम गुप्ता, रामबीर की बहन और मंजीत कुमार पर आरोप है कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण के बाद सुनील शर्मा को उसके घर पर जाकर जान से मारने की धमकी दी। अधिवक्ता ने धमकी दी कि एक लाख रुपये नहीं दिए तो मुकदमा दर्ज करा देंगे। एएसपी चंद्रकांत मीणा ने बताया कि रेलवे रोड थाने में दोनों मुकदमे दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। पूलिस का मानना है कि इस प्रकरण में कुछ ऐसी बातें छुपी हुई हैं जिन्हें दोनों पक्ष अभी बता नहीं रहे हैं। जांच में मामला स्पष्ट हो जाएगा।