मुजफ्फरनगर/मेरठ। जनपद में प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब बनी हुई है। मंगलवार को मेरठ और मुजफ्फरनगर देश में दूसरे स्थान पर रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शाम चार बजे जारी बुलेटिन में इन दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 दर्ज किया। कुल 177 शहरों में हापुड़ प्रथम स्थान पर रहा। यहां का एक्यूआइ 299 था।

देश में सोमवार को मेरठ प्रथम और मुजफ्फरनगर दूसरे स्थान पर था। दीपावली के पहले प्रदूषण की गंभीर को लेकर अभी भी कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं उठाए गए हैं। रैपिड, हाई वे का निर्माण और उखड़ी हुई सड़कों से उड़ रही धूल ने शहरवासियों को त्रस्त कर दिया है। इसके बावजूद प्रशासन, प्रदूषण कार्यालय और अन्य जिम्मेदार अभी मूक दर्शक बने हुए हैं।

मौसम विभाग ने मंगलवार को भी जनपद के वातावरण में आदृता का स्तर उच्च रिकार्ड किया। अधिकतम आदृता 93 और न्यूनतम 53 प्रतिशत रिकार्ड किया। हवा की गति लगातार तीसरे दिन मंद रही। प्रदेश में प्रदूषण की स्थित पश्चिम के शहरों में ज्यादा खराब है। जैसे जैसे हम पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं हवा की स्थिति में सुधार दिख रहा है। मंगलवार को दिल्ली में एक्यूआइ 241, बागपत में 262, बुलंदशहर में 235, मुरादाबाद में 209, लखनऊ में 121, कानपुर में 98 और गोरखपुर में 130 रहा।

मेरठ शहर में सोमवार रात 10 बजे यहां पर एक्यूआइ 425 पर पहुंच गया था। जो अत्यंत गंभीर स्थित का सूचक है। जहां तक मानव स्वास्थ्य का सवाल है 175 से ऊपर एक्यूआइ परेशान करने लगता है। यह सांस व हृदय रोगियों के कई शरीरिक परेशानियों का कारण बन जाता है। सोमवार को मेरठ देश के 164 शहरों में सबसे ज्यादा प्रदूषित था। मंगलवार सुबह 11 बजे पल्लवपुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 264 आंका गया, जो सोमवार की रात से 50 अंक कम था। जय भीम नगर में सुबह 11 बजे एक्यूआइ 268 दर्ज किया गया। हवा में पीएम 2.5 और 10 ही प्रदूषण् के मुख्य कारक बने। यह धूल और धुएं के बारीक कण होते हैं जो सांस के रास्ते मनुष्य के फेफड़े और रक्त में प्रवाहित होकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं।