नेपाल के पोखरा एयरपोर्ट के करीब रविवार को हुए एक विमान हादसे में कम से कम 68 लोगों की मौत पुष्टि हो गई. विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 72 लोग सवार थे. यात्रियों में पांच भारतीय नागरिक शामिल थे.
नेपाल की यती एअरलाइंस का विमान एटीआर-72, जिस पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास गिरा, उसका उद्घाटन नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दाहाल प्रचंड ने इसी साल की पहली जनवरी को किया था.
पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट चीन की मदद से बनाया गया है. नेपाल का ये महत्वाकांक्षी एविएशन प्रोजेक्ट चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है.
नेपाली अख़बार ‘काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल सरकार ने साल 2016 के मार्च महीने में चीन से इस एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 2159.6 लाख अमेरिकी डॉलर के ‘सॉफ़्ट लोन’ के समझौते पर दस्तख़त किए थे.
पिछले साल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इसे नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को सौंपा था.
इस साल प्रधानमंत्री प्रचंड ने पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के समय कहा था, “नेपाल जैसे लैंडलॉक्ड देश में हवाई कनेक्टिविटी यातायात के साधन के रूप में काफी मायने रखती है. इस एयरपोर्ट की शुरुआत के बाद से पोखरा का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संबंध स्थापित हो गया है.”
लेकिन इस एयरपोर्ट के उद्घाटन के एक पखवाड़े के भीतर हुए बड़े विमान हादसे के बाद कई सवाल सामने हैं.
सवालों की वजह भी है. नेपाल दुनिया के उन क्षेत्रों में शामिल है, जो सबसे ज्यादा दुर्घटना संभावित माने जाते हैं. पिछले पांच साल में हुए बड़े विमान हादसों के आंकड़ों से भी ये जाहिर होता है.
बीते साल दो बड़े विमान हादसे सुर्खियों में रहे. इसमें पहला विमान हादसा 21 मार्च को हुआ था.
विमान था चीन की ‘ईस्टर्न एयरलाइन्स’ का बोइंग-737-800. ये विमान गुआंक्सी के पहाड़ों से टकरा गया था. इस हादसे में विमान में सवार सभी 132 लोग मारे गए थे.
दूसरा हादसा 30 मई को हुआ था. ये हादसा नेपाल के मुस्तांग क्षेत्र में हुआ था. इसमें तारा एयर का डीएच-6 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ और विमान में सवार सभी 22 यात्रियों की मौत हो गई थी.
नौ जनवरी को हुए इस हादसे बोइंग-737 जावा के समुद्र में गिर गया था. श्रीविजिया एयर के इस विमान ने हादसे के कुछ मिनट पहले ही जकार्ता से उड़ान भरी थी. विमान में 10 बच्चों समेत कुल 62 लोग सवार थे. हादसे में सभी की मौत हो गई.
पहला हादसा आठ जनवरी को हुआ था. इसमें यूक्रेन की इंटरनेशनल एयरलाइन्स का विमान PS-752 ईरान की राजधानी तेहरान से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
इसमें सवार सभी 176 यात्री और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई. ये हादसा तब हुआ जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम था. बाद में ईरान की सरकार ने ये माना कि उसने ‘गलती से इस विमान को मार गिराया था’.
2020 में दूसरा विमान हादसा 22 मई को पाकिस्तान के कराची में हुआ था. विमान था पाकिस्तान एयरलाइंस का एयरबस-ए-320. विमान में 97 यात्री और आठ क्रू मेंबर्स सवार थे. इस विमान हादसे को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे भवायह हादसा माना जाता है.
साल 2020 का तीसरा बड़ा हादसा केरल के कोझीकोड में हुआ था. सात अगस्त को दुबई से आ रहा एयर इंडिया विमान लैंडिग के बाद रनवे के बाहर जाकर गिरा था.
2019 में 10 मार्च को इथियोपियन एयरलाइन्स का विमान अदीस-अबाबा से उड़ान भरने के छह मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान में 30 देशों के 157 लोग सवार थे. हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा.
हालिया सालों में सबसे ज्यादा विमान हादसे 2018 में दर्ज किए गए. पहला हादसा 11 फरवरी को हुआ, जब मास्को एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद रूसी यात्री विमान क्रैश हो गया. हादसे में सभी 71 यात्री मारे गए.
दूसरा बड़ा हादसा फरवरी में ही 18 तारीख को ईरान में हुआ. तेहरान एयरपोर्ट से उड़ान भरने के करीब एक घंटे बाद बाद एसीमैन एयरलाइन्स का विमान ‘एटीआर टर्बो प्रॉप’ पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस यात्री विमान में सवार सभी 66 लोग मारे गए थे.
तीसरा बड़ा हादसा काठमांडू एयरपोर्ट पर हुआ था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 13 मार्च को हुए हादसे में 71 में से 50 से ज़्यादा यात्रियों की मौत हो गई.
साल का सबसे बड़ा हादसा हुआ था अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स में हुआ. अप्रैल में हुए इस हादसे में विमान में सवार सभी 257 लोग मारे गए. ये एक सेना का विमान था, जो उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गया. विमान में ज्यादतर सैनिक और उनके परिजन सवार थे.
पांचवां हादसा 18 मई को क्यूबा की राजधानी हवाना में हुआ. इसमें बोइंग 737 प्लेन हवाना के जोस मार्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने कुछ देर बाद ही क्रैश हो गया. हादसे में सौ से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि एक व्यक्ति बुरी तरह जख्मी हालत में मिला था.
2018 में 29 अक्टूबर को भी एक विमान हादसा रिपोर्ट किया गया था. इसमें लायन एयर का बोइंग विमान जकार्ता एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद जावा सी में क्रैश हो गया. विमान में सवार सभी 189 यात्री और क्रू मेंबर्स इस हादसे में मारे गए थे.