लखनऊ : प्रदेश सरकार ने पीसीएस परीक्षा के अभ्यर्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस परीक्षा के लिए केंद्र बनाने के मानक में संशोधन किया है। पीसीएस परीक्षा के लिए शहर में ही परीक्षा केंद्र बनाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व कोषागार की दूरी 10 किलोमीटर होने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है। किंतु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में ही बनाए जाएं।

प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। साथ ही सभी आयोगों और बोर्ड अध्यक्षों को इसकी सूचना दी है। शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न भर्ती आयोग व चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने के लिए 19 जून 2024 को दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इसमें परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए मानक तय किए गए थे।

इसमें बिंदु संख्या 4.2 और 5.1 के नियम शिथिल किए गए हैं। इसके अनुसार परीक्षार्थियों की सुविधाओं को देखते हुए परीक्षा केंद्र बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर ही बनाने की अनिवार्यता की गई थी। साथ ही परीक्षा केंद्र का चयन यथासंभव शहरी क्षेत्र में ही करने को गया था। जरूरत पड़ने पर परीक्षा केंद्र का चयन शहरी क्षेत्र के 10 किलोमीटर व्यास मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में करने का निर्देश दिया गया था।

प्रमुख सचिव ने शासनादेश में कहा है कि सम्यक विचार के बाद यह निर्णय किया गया है कि केवल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस परीक्षा जो एक विशिष्ट परीक्षा है, के आयोजन के लिए इसकी अनिवार्यता समाप्त की जा रही है। हालांकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्र मुख्य मार्ग पर स्थित संस्थाओं में ही बनाए जाएं।
सीएम के निर्देश पर एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा कराने का हुआ निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने प्रतियोगी छात्रों की मांग पर पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है। वहीं आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए आयोग ने समिति का गठन किया है। इस निर्णय से लाखों प्रतियोगी परीक्षार्थियों को बड़ी राहत मिली है।

प्रयागराज में आयोग के मुख्यालय का घेराव कर अभ्यर्थी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा दो दिन में कराने व नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था का विरोध कर रहे थे। इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने का निर्देश दिया। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए बृहस्पतिवार को यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।

वहीं यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं का अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी। जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ महीनों से देश के कई हिस्सों में चयन परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने आए थे। इसमें विभिन्न संस्थानों की संलिप्तता पाई गई थी। इसे ध्यान में रखकर चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गत दिनों प्रदेश में पांच लाख से अधिक अभ्यर्थियों की संख्या वाली चयन परीक्षाओं को एक से अधिक पालियों में आयोजित करने की अपेक्षा राज्य सरकार ने की थी।

इसी क्रम में लोक सेवा आयोग ने आवश्यक कार्यवाही शुरू की थी। आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा व समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक परीक्षा को एक से अधिक पाली में आयोजित करने का निर्णय लिया। इसके बाद से छात्र परीक्षा एक ही पाली में कराने की मांग को लेकर प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे थे।

इस संबंध में छात्रों की मांग का मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया। उन्होंने आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने को कहा। सीएम की पहल पर आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को पूर्व की भांति एक दिन में कराने का निर्णय लिया है। साथ ही आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन किया है।