मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 39 दिन हो चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन ने इस युद्ध में रूस की जीत को जितना आसान समझा था, यूक्रेन ने उन्हें और उनकी सेना को उतना ही ज्यादा चौंकाया है. रूस को जंग के मैदान में एक बड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. पुतिन की सबसे घातक माने जाने वाली 331वीं गार्ड पैराशूट रेजीमेंट को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मुंह की खानी पड़ी है.
रूस की सेना में सबसे खास कही जाने वाली इस रेजीमेंट को बेलारूस से यूक्रेन की राजधानी कीव में कब्जा करने के लिए खास तौर पर भेजा गया था. इस यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल सर्गेई सकरेव 13 मार्च को यूक्रेन में मार दिए गए थे, जो 331वीं गार्ड पैराशूट रेजीमेंट के लिए सबसे बड़ा झटका था. इस यूनिट के डिप्टी मेजर सर्गेई कर्लेव भी अपने कमांडिंग ऑफिसर साथ मारे गए थे.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी सेना की 331वीं गार्ड पैराशूट रेजीमेंट के 37 अधिकारी और जवान अब तक मारे जा चुके हैं. यह रेजीमेंट रूस की एयरबोर्न टुकड़ी के साथ कीव पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रही थी. इस स्पेशल रेजीमेंट को यूक्रेन में घातक लड़ाई और भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
रूस ने आधिकारिक तौर पर अपनी 331वीं गार्ड पैराशूट रेजीमेंट को हुए नुकसानकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. लेकिन सोशल मीडिया पर रूसी नागरिक अपनी सेना के इस रेजीमेंट के जवानों को श्रद्धाजंलि दे रहे हैं. 331वीं गार्ड पैराशूट रेजीमेंट बाल्कन-चेचन्या और डोनबास में तैनात रही है और मॉस्को में आयोजित होने वाली रेड स्वायर परेड में नियमित रूप से भाग लेती रही है.