नई दिल्‍ली: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें किसान नेताओं ने फसलों के उचित दाम दिलाने, फसल बीमा योजना में छोटे किसानों के हितों का ध्यान रखे जाने और आवारा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान सहित कई मुद्दे उठाए। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के उठाए मसलों पर सरकार विचार करेगी और जो भी कार्य किए जा सकते हैं, उन पर कदम उठाए जाएंगे।

चौहान ने हर मंगलवार किसानों के साथ बैठक करने की घोषणा की थी। यह पहली मंगलवार बैठक थी। बैठक में किसान नेताओं ने मुख्य फसलों के अलावा फल-सब्जी और दूध वगैरह के उचित दाम सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के आयात और निर्यात की नीति में एक निरंतरता होनी चाहिए। इसमें अचानक और बार-बार किए जाने वाले बदलावों से किसानों पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में जरूरत से अधिक और असमय कृषि आयात को नियंत्रित किया जाना चाहिए।

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार को बाजार हस्तक्षेप योजना को और प्रभावी बनाना चाहिए और जलवायु परिवर्तन के असर से खेती-बाड़ी को बचाने के लिए बड़ी योजना लानी चाहिए। किसानों ने आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान का मुद्दा भी उठाया और कहा कि किसानों के हितों की रक्षा की जाए। नेताओं का कहना था कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए फसल बीमा योजना में छोटे किसानों के हितों पर सरकार ध्यान दे।

कृषि मंत्री ने किसान नेताओं के उठाए गए मुद्दों पर कहा, ‘किसानों के हित में जो भी कार्य किए जा सकते हैं, इसकी पूरी प्लानिंग सामने रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है ताकि विचार-विमर्श के बाद लागू करने का कदम उठाया जा सके। किसानों की भलाई के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।’

चौहान ने कहा, ‘मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अब तक 7 बड़ी योजनाएं मंजूर की गई हैं, जिन पर 15 हजार करोड़ रुपये किसानों के लाभ के लिए खर्च किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘निर्यात बढ़ाने के लिए प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म किया गया। पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई, जिससे किसानों के हितों की रक्षा होगी। सरकार अरहर, उड़द और मसूर की पूरी उपज खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।’ मंगलवार की इस पहली बैठक में शेतकारी संगठन और भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसान संगठनों के नेता शामिल हुए।