नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही केंद्र की राजनीति में सक्रिय दिखेंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे तीन दिसंबर को घोषित हुए थे। उसके बाद पहली बार शिवराज दिल्ली में आकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। उन्होंने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि वह केंद्र और राज्य की राजनीति करते रहेंगे।

मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित हुए थे। 230 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा ने 163 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया। 11 दिसंबर को विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को नेता चुना गया और उन्होंने दो उपमुख्यमंत्रियों- राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा के साथ शपथ लेकर काम भी शुरू कर दिया है।

अब तक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के भविष्य को लेकर तमाम अटकलें लग रही थी। 2018 में जब भाजपा को चुनावों में हार मिली थी तब शिवराज को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर सदस्यता अभियान का प्रभार सौंपा गया था। इस बार भी चर्चा है कि उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।

इसके अलावा यह भी चर्चा है कि शिवराज को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने कृषि में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अब मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य बन चुके हैं और विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं।